प्रभजीत सिंह, यमुनानगर :
उपायुक्त गिरीश अरोरा ने कहा है कि किसान एवं खेतीहर मजदूरों को दिन-रात खेत-खलिहानों में काम करना पड़ता है और उन्हें 24 घंटे कई तरह की दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। ऐसे में अगर परिवार के कमाऊ सदस्य की अकाल मौत हो जाए तो पूरे परिवार के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो जाता है।
उपायुक्त गिरीश अरोरा ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा ऐसे परिवारों को आर्थिक सहायता मुहैया करवाने के लिए मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर जीवन सुरक्षा योजना चलाई जा रही है। उन्होंने बताया कि किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए लागू कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए गए है ताकि योजना का लाभ हर पात्र व्यक्ति को मिले और कोई भी इससे वंचित न रहे।
उपायुक्त ने बताया कि अगर कृषि कार्यों के दौरान खेतों, गांवों, मार्किट यार्ड तथा ऐसे स्थानों से आते-जाते समय कोई व्यक्ति दुर्घटना का शिकार हो जाता है तो इस योजना के तहत मार्किट कमेटी द्वारा पीडितों को वित्तीय सहायता दी जाती है। योजना के तहत दुर्घटना के दौरान मृत्यु होने पर 5 लाख रुपयेए रीढ की हड्डी टूटने या स्थायी अशक्तता होने पर ढाई लाख रुपये, दो अंग भंग होने पर या स्थायी गंभीर चोट होने पर 1,87,500 रुपये की सहायता दी जाती है। इसी प्रकार एक अंग भंग होने या स्थायी चोट लगने पर सवा लाख रुपये, पूरी उंगली कटने पर 75 हजार रुपए, आंशिक उंगली भंग होने पर 37 हजार रुपए की राशि मार्किट कमेटी के माध्यम से दी जाती है।
उन्होंने बताया कि मृत्यु के मामले में आर्थिक सहायता हेतु दावा करने के लिए पुलिस रिपोर्ट व पोस्टमार्टम का होना जरूरी है। अशक्तता की स्थिति में प्रमाण पत्र व अंग हानि होने की स्थिति में शेष बचे हुए अंग की फोटो दावे के साथ प्रस्तुत की जानी चाहिए। इसके अलावा आवेदक को दुर्घटना के दो महीने के अन्दर संबंधित मार्किट कमेटी के सचिव के पास आवेदन करना होगा।
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