Faridabad News : जब दिल असफल हुआ लेकिन आशा नहीं टूटी

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Faridabad News : जब दिल असफल हुआ लेकिन आशा नहीं टूटी
डॉ. एसएस बंसल एवं डॉ. सिद्धान्त बंसल।

(Faridabad News) ग्रेटर फरीदाबाद। चिकित्सा क्षेत्र में अग्रणीय एसएसबी अस्पताल ने एक 75 वर्षीय हार्ट फेलियर बुजुर्ग मरीज को तीन प्रमुख प्रक्रियाओं के बाद दिया नया जीवन। मरीज श्री वर्मा को गंभीर दिल की बीमारी और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण कई अस्पतालों से जवाब मिल चुका था।

श्री वर्मा पिछले एक साल से गंभीर सांस की तकलीफ, सीने में दर्द और धडक़न से जूझ रहे थे। उनका दिल पूरी तरह से कमजोर हो चुका था, उनकी हार्ट पंपिंग क्षमता केवल 20 प्रतिशत थी और उन्हें किडनी फेलियर का भी सामना करना पड़ रहा था।

हृदय धमनियों में गंभीर ब्लॉक्स

इसके अलावा, उनकी हृदय धमनियों में गंभीर ब्लॉक्स थे और एओर्टिक वाल्व बेहद संकुचित हो चुका था, जिसका क्षेत्र केवल 0.5 सीएम2 हो गया था (जबकि सामान्य क्षेत्र 3.5 सीएम2 होता है)। वर्मा को बाईपास सर्जरी और दिल के वाल्व की रिप्लेसमेंट की आवश्यकता थी, लेकिन उनकी अत्यधिक कमजोर स्थिति के कारण ये सर्जिकल प्रक्रियाएं संभव नहीं थीं।

एसएसबी अस्पताल में डा. सिद्धान्त बंसल ने उनकी गंभीर स्थिति का निदान करने के बाद हृदय विभाग की टीम, जिसका नेतृत्व डा. एसएस बंसल एवं डा. सिद्धान्त बंसल करते है, उनका तुरंत इलाज शुरू किया। पहले उनके संक्रमण, किडनी की विफलता और फेफड़ों में पानी की समस्या को स्थिर किया गया। इसके बाद, श्री वर्मा के इलाज के लिए तीन प्रमुख गैर-सर्जिकल हृदय प्रक्रियाएं की गईं।

श्री वर्मा का इलाज एक मिसाल

इन तीन प्रक्रियाओं के बाद, श्री वर्मा की पंपिंग क्षमता 20 प्रतिशत से बढक़र 40 प्रतिशत हो गई और वाल्व क्षेत्र 0.5 सेमी2 से बढक़र 3.0 सेमी2 हो गया। उनकी किडनी की कार्यक्षमता में भी सुधार हुआ। इससे उनकी सांस की तकलीफ, सीने में दर्द और किडनी की समस्याएं दूर हो गईं। एसएसबी अस्पताल के चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि श्री वर्मा का इलाज एक मिसाल है कि जब सही समय पर सही उपचार मिलता है, तो दिल की गंभीर बीमारियों के

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