(Faridabad News) फरीदाबाद। सेक्टर 86 स्थित एकॉर्ड अस्पताल के सीएमडी एवं नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट के चेयरमैन डॉ. जितेंद्र कुमार ने बताया कि लंबे समय तक ब्लड शुगर का उच्च स्तर किडनी की नाजुक रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, जिससे उनका कार्य बाधित हो सकता है।
वरिष्ठ किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. जितेंद्र ने बताया कि किडनी का मुख्य कार्य शरीर से विषैले पदार्थों को छानकर बाहर निकालना होता है। इसके अलावा यह रक्तचाप को नियंत्रित करने और शरीर में तरल संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है। डायबिटीज के मरीजों को ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रखना बेहद जरूरी है, ताकि किडनी पर दबाव न पड़े।
मरीजों को किडनी की विशेष देखभाल करनी चा
उन्होंने कहा कि यदि किसी मरीज का फास्टिंग शुगर 90 से 130, भोजन के बाद का ग्लूकोज स्तर 100 से 180 और एचबीए 1सी सात प्रतिशत से ऊपर है, तो ऐसे मरीजों को किडनी की विशेष देखभाल करनी चाहिए। उच्च रक्तचाप का लंबे समय तक नियंत्रण में न रहना भी किडनी की बीमारी को जन्म दे सकता है। उन्होंने कहा कि समय रहते सावधानी बरतकर और नियमित जांच कराकर किडनी को गंभीर नुकसान से बचाया जा सकता है।
किडनी की बीमारी के लक्षण
पैरों में सूजन, बार-बार थकान, खून की कमी, धुंधली नजर, अचानक वजन घटना और पेशाब में झाग आना प्रमुख हैं।
इन कारणों से भी हो सकता किडनी रोग
मोटापा, धूम्रपान, बढ़ती उम्र, पारिवारिक इतिहास, और कोलेस्ट्रॉल-ट्राइग्लिसराइड्स का असंतुलन भी किडनी को प्रभावित कर सकता है।
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