• देशी के साथ-साथ विदेशी पर्यटक भी कर रहे हैं जमकर खरीददारी
  • मेले में शिल्पकार, कुशल कारीगर और स्वयं सहायता समूह की महिलाएं ले रहीं बढ़ चढ़ कर भाग

(Faridabad News) सूरजकुंड (फरीदाबाद)। 38 वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला में सरस आजीविका पवेलियन में लखपति दीदी द्वारा संचालित स्टॉल पर विभिन्न उत्पाद मेला देखने आ रहे पर्यटकों को खूब लुभा रहे हैं।

स्टॉल्स की बात करें तो स्टॉल नंबर-321 से लेकर 373 तक लगी स्टॉल पर लखपति दीदी द्वारा विभिन्न उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं। इन स्टॉल पर देशी के साथ-साथ विदेशी पर्यटक भी जमकर खरीददारी कर रहे हैं।

महिलाओं को स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ाने में मिशन कारगर

इस बार मेला में स्वयं सहायता समूहों द्वारा 53 स्टॉल लगाए गए हैं, जिन पर सिल्क साड़ी, दुपट्टे, सूट, दरी, चादरों के साथ-साथ पापड़, आचार, भुजिया सहित अन्य उत्पाद बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। सरकार द्वारा शुरू किए गए ग्रामीण आजीविका मिशन का दायरा बढकऱ हरियाणा राज्य के सभी जिलों के अंतर्गत आने वाले ब्लॉक तक पहुंच गया है। सक्रिय रूप से महिलाओं को स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ाने में मिशन कारगर साबित हो रहा है।

सरकार का वोकल फॉर लोकल के सिद्धांत को बढ़ावा देने का सपना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से साकार हो रहा है। महिलाएं वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाने के सपने को साकार करने के लिए इन समूहों के माध्यम से आत्मनिर्भर बन रही हैं।

देश के अन्य प्रदेशों के स्वयं सहायता समूह अपने-अपने उत्पादों के साथ स्टॉलों पर मौजूद

मेला में हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार सहित देश के अन्य प्रदेशों के स्वयं सहायता समूह अपने-अपने उत्पादों के साथ स्टॉलों पर मौजूद हैं। ग्रामीण आजीविका मिशन महिलाओं के जीवन में बड़ा सामाजिक आर्थिक परिवर्तन ला रहा है। मेले में हस्त शिल्पकार, कुशल कारीगर और स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बढ़चढ़ कर भाग ले रहीं हैं।

ग्रामीण विकास मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव टी.के. अनिल कुमार ने 38 वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले में सरस आजीविका मिशन की ओर से लगाए गए लखपति दीदी स्टॉल्स का रविवार को अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने स्टॉल पर मौजूद लखपति दीदियों से स्टॉल्स की जानकारी ली।

उन्होंने कहा कि सरस आजीविका पवेलियन ग्रामीण महिला उत्पादकों को प्रत्यक्ष विपणन प्लेटफार्म उपलब्ध कराने का कार्य कर रहा है, ताकि ग्रामीण महिला उत्पादक बिना किसी बिचौलिए के अपने उत्पादों का उचित मूल्य प्राप्त कर सकें।

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