(Faridabad News)नूंह।हरियाणा के नूंह जिले की सीमा राजस्थान के नांगल गांव से सटी हुई हैं। जहां पर खनन का कार्य तेज गति से चल रहा है। यहां से क्षमता से अधिक पत्थर भरकर ओवरलोड़ डंपर हरियाणा की सडकों को नुकसान पहुंचाने का काम कर रहे हैं। यह सिलसिला पिछले लंबे समय से चल रहा है जिसकी ओर ध्यान नहीं है। ऐसा करने से राजस्थान सरकार को तो फायदा है, लेकिन हरियाणा प्रदेश की सडकें बिना किसी फायदे क्षतिग्रस्त हो रही हैं। जिला प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।
गौरतलब है कि राजस्थान के नांगल जोन से भारी संख्या में क्षमता से अधिक पत्थर भरकर दिन रात हरियाणा की सडकों से ओवरलोड़ वाहनों की आवाजाही होती रहती है। इन ओवरलोड़ वाहनों से न केवल सडकें ही क्षतिग्रस्त हो रही हैं, बल्कि हादसों का भी डर रहता है। कई बार ओवरलोड़ वाहनों से हादसे हो भी गए हैं, लेकिन वाहन चालक मामले को पुलिस के पास पहुंचने से पहले ही ले देकर रफा दफा करने की कोशिश करते हैं। ओवरलोड़ वाहनों डोंडल, रानौता और मानौता के लोग खासे परेशान हैं। डोंडल बिजली पावर हाऊस के पास इनकी चैकिंग के लिए नाका भी लगा हुआ है, लेकिन इसके बावजूद भी ओवरलोडिंग की रफ्तार नहीं थम रही है।
यहां से निकलते हैं ओवरलोड़ वाहन
राजस्थान के नांगल गांव से पत्थर भरकर ओवरलोड़ डंपर हरियाणा के गांव बींवा, डोंडल और बड़ेड़ से होते हुए निकलते हैं। यहां से उन्हें कई किलोमीटर हरियाणा की सडकों पर सफर करना पड़ता है। पुलिस कप्तान नरेंद्र सिंह बिजारनिया द्वारा इन नाकों पर ओवरलोड़ वाहनों पर निगरानी रखने के लिए पुलिस जवान भी तैनात किए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद भी ओवरलोड़ वाहनों पर नकेल नहीं कसी जा रही है। ऐसे में हरियाणा सरकार की सडकें क्षतिग्रस्त हो रही हैं। जबकि पत्थर के कारोबार से राजस्थान सरकार को फायदा पहुंच रहा है।
वाहनों की बॉडी दो गुना
पत्थर में चलने वाले हायवे और डंपर मालिकों ने कंपनी बॉडी के ऊपर अलग से डबल बॉडी बनवाई हुई है ताकि अधिक पत्थर भरे जा सकें। कई साल पहले पुलिस ने डंपर और हायवे पर बनवाई गई बॉडियों को कटवाने के लिए अभियान भी शुरू किया था, जिससे काफी हद तक ओवरलोड़ वाहनों की आवाजाही में कमी आई थी। लोगों की मानें तो ओवरलोडिंग पर नकेल कसने के लिए अलग से लगी हुई बॉडी को कटवाना जरूरी है।
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