- सुरजकुंड मेला परिसर में कला एवं संस्कृति विभाग के तत्वावधान में 14 फरवरी तक चलेगी छह दिवसीय लघु चित्रकला कार्यशाला
- लघु चित्रकला के इतिहास, तकनीकों, और परंपराओं पर व्याख्यान देंगे चित्रकार जय शंकर शर्मा
(Faridabad News) सूरजकुंड (फरीदाबाद)। इन दिनों चल रहे 38 वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेला परिसर में जहां देश विदेशों के कलाकार व शिल्पकार अपने हुनर का प्रदर्शन कर रहे हैं,वहीं मेला में हरियाणा कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा छह दिवसीय लघु चित्रकला (मिनिएचर पेंटिंग) कार्यशाला किया जा रहा है,जोकि आगामी 14 फरवरी तक चलेगी। इस कार्यशाला में हरियाणा,पंजाब,राजस्थान सहित विभिन्न प्रदेशों के चित्रकार भाग लेकर अपनी कला को कागज पर उकेर रहे हैं।
लघु चित्रकला भारत की समृद्ध कला परंपरा का अभिन्न हिस्सा
सोमवार को डीआईपीआरओ दिनेश कुमार ने इस कार्यशाला का अवलोकन किया और कलाकारों द्वारा बनाई जा रही कृतियों को सराहा। विभाग की कला एवं संस्कृति अधिकारी रेणु हुड्डा ने बताया कि लघु चित्रकला भारत की समृद्ध कला परंपरा का अभिन्न हिस्सा रही है। मुगल, राजस्थानी, पहाड़ी, किशनगढ़ और पर्शियन शैली की चित्रकलाएं वर्षों से अपनी सूक्ष्मता और जीवंत रंगों के लिए जानी जाती हैं।
14 फरवरी तक चलने वाली इस कार्यशाला में जयपुर के प्रसिद्ध लघु चित्रकला जय शंकर शर्मा शामिल होंगे और कलाकारों को लघु चित्रकला की बारीकियों, रंगों के उपयोग, ब्रश वर्क, और पारंपरिक तकनीकों के बारे में व्यावहारिक प्रशिक्षण भी देंगे। उन्होंने बताया कि कार्यशाला के अंतिम दिन, प्रतिभाशाली कलाकारों द्वारा बनाई गई अद्भुत कृतियों का प्रदर्शन होगा।
यह प्रदर्शनी, कला के प्रति उत्साही लोगों के लिए एक अनोखा अवसर है, जहां वे विभिन्न कलाकारों की प्रतिभा को एक साथ देख सकते हैं। इस प्रदर्शनी से कला एवं देश व प्रदेशों की सभ्यता एवं संस्कृति में रुचि रखने वालों के लिए एक अद्वितीय अनुभव होगा।
कला अधिकारी ने बताया कि कार्यशाला में प्रतिदिन आॢटस्ट अपनी -अपनी कला के जरिए लघु चित्रकला का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। यह न केवल कलाकारों की कड़ी मेहनत का प्रमाण है, बल्कि भारतीय कला की समृद्ध विरासत को दर्शाता है। हर कृति, उनकी रचनात्मकता, कौशल और समर्पण का प्रतीक है।
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