Faridabad News : बच्चों को जरूर दें संस्कार,नहीं पैसा नहीं रहेगा किसी काम का : पं.प्रदीप मिश्रा

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Definitely give good values ​​to your children, otherwise money will be of no use Pt. Pradeep Mishra
विश्व विख्यात कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा शिव महापुराण का रसपान कराते हुए।
  • शिव भक्तों ने फरीदाबाद पुलिस प्रशासन के कार्य की सराहना,मदद और व्यहवार के लिए जताई खुशी
  • कथा का समय सुबह होने के कारण देर रात को कथा पर रूक गए भक्त,रातभर चलता रहा शिव का गुणगान

(Faridabad News) फरीदाबाद(आईएमटी)। शिव महापुराण कथा के अंतिम दिन विश्व प्रसिद्व कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि ज्ञान, धर्म, भक्ति का मूल है। पांच दान यश, मान, कीर्ति, नम्रता, सरल सत्य स्वयं परमात्मा है। कलयुग, कलयुग नहीं है बल्कि करयुग है। अर्थात जैसी करनी वैसी भरनी। जो तन देखता है, शरीर देखता है वह सक्षम नहीं है। सक्षम वहीं है जो मन को देखता है, भाव को देखता है। संसार में सब कुछ सपना है, नींद में जो देखा वो भी सपना है। यह सब असत्य है, सत्य स्वयं राम है। परहित करो, सभी को जाग्रत करो, सम्मान करो, भजन करो, हॅंसते रहो, मस्त रहो, मुस्कराते रहो। भगवान कभी भेद नहीं करता। जीव मात्र एक ऐसा प्राणी है जो भेद करता है। इस मौके पर उन्होंने 12 ज्योर्तिलिंगों की कथा का संक्षिप्त में वर्णन किया। वहीं इस अवसर पर पंडाल में पहुुंचने वाले अतिथियों का स्वागत किया। उक्त उद्योगपति प्रवीण पाराशर व हेमलता पराशर द्वारा शिव महापुराण सेक्टर-66 स्थित फायर बिग्रेड कार्यालय के समक्ष आईएमटी में आयोजित कराई गई।

अपनी बात को जारी रखते हुए पंडित प्रदीप मिश्रा ने पैसे को लेकर कहा कि अगर आपके पास पैसा है और बच्चों में संस्कार न हो तो पैसे होना बेकार है इसलिए बच्चों को संस्कार दें क्योंकि वह तमाम पैसों को किसी न किसी गलत रास्ते पा लगा देगा। वहीं उन्होंने सती माता का वर्णन किया। जहां शिव भक्तों को भगवान शिव के त्याग और आज के पुरूष के स्वार्थ और व्यहवार के बारे में बताया। वहीं उन्होंने कहा कि ज्ञान, धर्म, भक्ति का मूल है। पांच दान यश, मान, कीर्ति, नम्रता, सरल सत्य स्वयं परमात्मा है। कलयुग, कलयुग नहीं है बल्कि करयुग है। संसार में सब कुछ सपना है, नींद में जो देखा वो भी सपना है। यह सब असत्य है, सत्य स्वयं राम है। परहित करो, सभी को जाग्रत करो, सम्मान करो, भजन करो, हॅंसते रहो, मस्त रहो, मुस्कराते रहो। भगवान कभी भेद नहीं करता। जीव मात्र एक ऐसा प्राणी है जो भेद करता है। इस मौके पर उन्होंने 12 ज्योर्तिलिंगों की कथा का संक्षिप्त में वर्णन किया।

बृहस्पतिवार की कथा के उपरांत कथा स्थल पर रूके रहे शिवभक्त :

विश्व प्रसिद्व कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की अंतिम दिन की कथा को सुनने के लिए बृहस्पतिवार को घर लौटने की वजाह कथा स्थल पर शिवभक्त रूक गए। जहां देर रात तक भजन-कीर्तन के साथ भगवान शिव के नामू का गुणगान किया। और सुबह लगभग छह बजे से ही कथा स्थल पर शिवभक्तों की भीड़ जमा हाने लगी।

पुलिस प्रशासन का कार्य रहा सराहनीय :

शिव महापुराण के दौरान फरीदाबाद पुलिस का कार्य काफी सराहनीय रहा। पुलिस प्रशासन की उपस्थित के चलते शिवभक्तों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई वहीं पुलिस और आम व्यक्ति में स्नेह पूर्ण व्यवहार देखने को मिला तो कई महिला पुलिस कर्मियों ने अपने परिवार के साथ शिव महापुराण कथा का आन्नद लिया।

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