(Faridabad News) फरीदाबाद। अखिल भारतीय ब्राह्मण सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुरेंद्र शर्मा बबली ने सभा के उपस्थित पदाधिकारियों और सदस्यों को जानकारी देते हुए कहा कि लाला लाजपत राय का जन्म पंजाब के मोगा जिले में 28 जनवरी 1865 को एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इन्होंने कुछ समय हरियाणा के रोहतक और हिसार शहरों में वकालत की। ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गरम दल के प्रमुख नेता थे।
बाल गंगाधर तिलक और बिपिन चंद्र पाल के साथ इस त्रिमूर्ति को लाल-बाल-पाल के नाम से जाना जाता था। इन्हीं तीनों नेताओं ने सबसे पहले भारत में पूर्ण स्वतन्त्रता की माँग की थी बाद में समूचा देश इनके साथ हो गया। वहीं इन्होंने स्वामी दयानन्द सरस्वती के साथ मिलकर आर्य समाज को पंजाब में लोकप्रिय बनाया। लाला हंसराज एवं कल्याण चन्द्र दीक्षित के साथ दयानन्द एंग्लो वैदिक विद्यालयों का प्रसार किया, लोग जिन्हें आजकल डीएवी स्कूल व कालेज के नाम से जानते है।
लालाजी ने अनेक स्थानों पर अकाल में शिविर लगाकर लोगों की सेवा भी की थी। उक्त बातें उन्होंने सभा के राष्ट्रीय कार्यालय पर आयोजित पुण्यतिथि के दौरान कहीं। जहां सभा के सदस्यों ने उनकी छवि को समक्ष रखकर पुष्प-माला अर्पित करते हुए कहा कि अभिभाभावकों को चाहिए कि वे अपने व्यस्त् समय से समय निकालकर बच्चें के साथ महापुरूषों के बलिदान और उनकी कथाओं की चर्चा अवश्य करें ताकि आनेे वाली पीडिय़ों को सहीं और सटीक जानकारी मिल सके। इस अवसर पर करन पराशर, रोहित शर्म, राजकुमार शर्मा, राजू,लोकेश शर्मा के अलावा अन्य युवा उपस्थित रहे।
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