FARIDABAD CRIME NEWS (AAJ SAMAJ) : हरियाणा की शिक्षा राज्य मंत्री सीमा त्रिखा के देवर अतुल त्रिखा के साथ ऑनलाइन ठगी का मामला सामने आया है। अतुल त्रिखा के जयपुर स्थित फ्लैट को खरीदने के नाम पर अतुल त्रिखा के साथ लगभग सवा लाख रुपए की ठगी की इस वारदात को अंजाम दिया गया। अपने साथ हुई ठगी की घटना की शिकायत अतुल त्रिखा ने 26 जून को ही पुलिस को दे दी थी। उन्होंने पुलिस को ठगी करने वाले का मोबाइल नंबर व उसकी बैंक डिटेल भी उपलब्ध करवा दी थी। पुलिस आम लोगों के साथ तो लापरवाही बरतती है, लेकिन शिक्षा राज्यमंत्री के देवर अतुल त्रिखा के मामले में भी तीसरे दिन यानि 28 जून को मुकदमा दर्ज किया गया। मोबाइल नंबर व बैंक डिटेल उपलब्ध कराए जाने के बावजूद भी पुलिस ने आज तक केवल मुकदमा दर्ज करने की औपचारिकता पूरी कर अपने काय की इतिश्री कर ली है। हाई प्रोफाइल मामले में पुलिस द्वारा की गई अब तक की कारवाई ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।
अतुल त्रिखा का जयपुर में एक फ्लैट है, जिसको बेचने के लिए उन्होंने ऑनलाइन प्रॉपर्टी साईट ‘मैजिक ब्रिक्स’ में अपने फ्लैट की डिटेल डाल दी थी। इसको लेकर उन्हें अशोक कुमार नामक एक व्यक्ति ने फोन करके कहा कि वह उनका फ्लैट खरीदना चाहता है और उसने खुद को बीएसएफ से फौजी बताया। उसने उन्हें व्हाट्सएप पर अपना फर्जी आई कार्ड भी भेजा ताकि विश्वास हो जाए कि वो फौजी ही है। करीब तीन दिन तक वह लगातार अतुल त्रिखा से फ्लैट खरीदने के लिए कीमत का तोलमोल कर बात करता रहा और डील फाइनल होने पर उन्होंने 4 लाख रुपए बयाना के रूपए में अतुल त्रिखा क अकाउंट में डालने के लिए पहले पेटीएम से 1 रुपए डालकर चैक करने के लिए बोला। इसके बाद उसने 25 हजार, 50 हजार, 24500 रुपए पेटीएम से मंगवाए। इसके बाद 23 हजार रुपए अतुल त्रिखा ने अपनी पत्नी के अकाउंट से उसको पेटीएम किए, लेकिन उसने बयाने के 4 लाख रुपए नहीं डाले। इतना ही नहीं, इसके बाद उसने अतुल त्रिखा के फोन भी उठाने बंद कर दिए। ठगी की वारदात होते ही अतुल त्रिखा ने इसकी जानकारी तुरंत सरकार के ऑनलाइन साईबर पोर्टल सहित स्थानीय पुलिस के साईबर थाने में की। उन्होंने स्थानीय पुलिस को ठग का मोबाईल फोन नंबर भी उपलब्ध करवाया और बताया कि उक्त फोन चालू है।
इस मामले में जब साइबर थाना प्रबंधक अमित शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा उनके लिए मंत्री या उनका परिवार कोई महत्व नहीं रखता, वो भी जनता की तरह हैं। मामले की तकनीकी पड़ताल की जा रही है, कुछ मिला तो कार्रवाई की जायेगी, फिलहाल भारतीय दंड संहिता की धरा 420 के तहत मुकदमा दजऱ् कर लिया गया है।
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