Famous RTI Activist Comrade PP Kapoor : पालिका कार्यालय में आरटीआई एक्ट का भट्ठा बैठा

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Famous RTI Activist Comrade PP Kapoor
Famous RTI Activist Comrade PP Kapoor
  • बिना आरटीआई कानून की किसी ट्रेनिंग के पालिका सचिव को प्रथम अपीलीय अधिकारी और लेखाकार को जन सूचना अधिकारी बना डाला
  • आरटीआई कानून पालिका अधिकारियों के लिए बना काला अक्षर भैंस बराबर
  • मुख्य सूचना आयुक्त को शिकायत भेज नगरपालिका अधिकारियों को आरटीआई कानून की ट्रेनिंग दिलवाने व आरटीआई कानून लागू करने की मांग 
Aaj Samaj (आज समाज),Famous RTI Activist Comrade PP Kapoor,पानीपत : प्रसिद्ध आरटीआई एक्टिविस्ट कामरेड पीपी कपूर ने मुख्य सूचना आयुक्त को शिकायत भेज कर आरोप लगाया है कि समालखा नगरपालिका में आरटीआई एक्ट का भट्ठा बैठा चुका है। जनता प्रॉपर्टी आईडी, एनडीसी बनवाने के लिए पहले ही धक्के खा रही है। पालिका कार्यालय में कोई अधिकारी मिलता नहीं, कोई काम ना होने से दुखी जनता खट्टर सरकार को कोस रही है। वहीं पालिका कार्यालय के जन सूचना अधिकारी एवं लेखाकार अजय कुमार आरटीआई में किसी सूचना का जवाब तक नहीं देते और प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं सचिव मुकेश कुमार तो किसी अपील की सुनवाई तक नहीं करते हैं। आरटीआई कानून इनके लिए काला अक्षर भैंस समान बन चुका है। कामरेड कपूर ने बताया कि पहले पालिका सचिव ही जन सूचना अधिकारी होते थे और एसडीएम प्रथम अपीलीय अधिकारी होते थे। लेकिन गत वर्ष 22 फरवरी 2022 को पहले बिना ट्रेनिंग दिए सरकार ने प्रदेश भर की नगरपालिका पालिकाओं में लेखाकार को जन सूचना अधिकारी और पालिका सचिव को प्रथम अपीलीय अधिकारी बना दिया, तभी से यहां आरटीआई कानून का बेड़ा गर्क  हो गया है। इनको आरटीआई कानून का कोई प्रशिक्षण तक नहीं दिया गया।

इनको मालूम ही नहीं कि ये आरटीआई कानून क्या बला है

कामरेड कपूर ने बताया कि उन्होंने नगरपालिका में पिछले करीब 6 महीने से अलग अलग कुल 5 आरटीआई आवेदन लगा रखे हैं। लेकिन ना तो लेखाकार एवं जन सूचना अधिकारी अजय कुमार ने कोई सूचना दी, जो दी तो अनाप शनाप व अधूरी दी। इसी तरह प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं सचिव मुकेश कुमार ने कभी किसी अपील की कोई सुनवाई की, न ही कोई लिखित ऑर्डर पास किए। इनको मालूम ही नहीं कि ये आरटीआई कानून क्या बला है? मजबूरन हर केस में सूचना लेने के लिए सूचना आयोग जाना पड़ रहा है। नगरपालिका अधिकारियों के इस आरटीआई विरोधी रवैये के कारण बेवजह की परेशानी आवेदक को हो रही है व सरकार के संसाधनों का और समय का दुरुपयोग हो रहा है। कपूर ने बताया कि सूचना आयोग से भारी जुर्माना लगने और विभागीय कार्रवाई होने पर ही इन अधिकारियों को आरटीआई कानून समझ आएगा।

मुख्य मांगें 

1). नगरपालिका समालखा कार्यालय में आरटीआई एक्ट 2005 को अविलंब लागू कराया जाए,
2). नगर पालिका समालखा कार्यालय के प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं सचिव और जन सूचना अधिकारी एवं लेखाकार को आरटीआई एक्ट 2005 का उचित प्रशिक्षण दिलवाया जाए।