गुरदासपुर: गन्ने की फसल की तकनीकों से परिचित कराया

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गगन बावा, गुरदासपुर:
कोरोना की महामारी के चलते और किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए चड्डा शुगर इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से मिल अधिकार क्षेत्र के गन्ना किसानों के साथ नई तकनीक को साझा करने के उद्देश्य से गन्ना शाखा कृषि एवं किसान विकास विभाग पंजाब की ओर से मुहिम शुरू की गई है। इसके तहत गन्ना किसानों के लिए आनलाइन वेबीनार कराया गया। डायरेक्टर कृषि एवं किसान भलाई विभाग डा. सुखदेव सिंह के आदेश पर शुरू की गई मुहिम के तहत आयोजित वेबीनार में मुख्य कृषि अधिकारी डा. सुरेंद्र सिंह, डाक्टर गुलजार सिंह, डाक्टर कुलदीप सिंह, डाक्टर हरपाल सिंह आदि ने गन्ने की फसल की खेती के बारे में तकनीकों से परिचित कराया। इस दौरान किसानों के प्रश्नों के जवाब भी दिए गए।
वेबीनार का संचालन डाक्टर अमरीक सिंह सहायक गन्ना विकास अधिकारी ने किया। वेबीनार में इसके अलावा डा. बलबीर सिंह सहायक गन्ना विकास अधिकारी, डा. रविंदर सिंह कृषि अफसर, डाक्टर परमिंदर कुमार कृषि विकास अफसर, वाई पी सिंह वाइस प्रेसिडेंट, राकेश कुमार शर्मा, सत्येंद्र सिंह, जन्मेजय सिंह, विकास बाली, ऋतुराज, किसान हरिंदर सिंह, कुलदीप सिंह, मनजिंदर सिंह आदि मौजूद थे।
गन्ना किसानों को संबोधित करते डा. सुरेंद्र सिंह ने कहा कि गन्ने की फसल की प्रति हेक्टेयर पैदावार और चीनी की रिकवरी में वृद्धि के लिए जरूरी है कि खेती विशेषज्ञों की सिफारिशों के अनुसार ही खेती की जाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बहुत जरूरी है कि गन्ने की खेती से संबंधित खर्च को कम कर प्रति हेक्टेयर आमदन में वृद्धि की जा सके। उन्होंने कहा कि गन्ने की प्रति हेक्टेयर आमदन बढ़ाने के लिए अन्य फसलों की खेती को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए। डा. कुलदीप सिंह ने कहा कि 15 सितंबर से 31 अक्टूबर तक गन्ने की बुवाई कर लेनी चाहिए। बुवाई से पहले गन्ने के बीज को रसायनों से संशोधित कर लेना चाहिए। डाक्टर हरपाल सिंह रंधावा ने गन्ने की फसल में कीटों की रोकथाम के लिए सर्व पक्षीय कीट प्रबंधन तकनीक अपनाने पर बल दिया।