विभाग की टीम ने ऊना के कई गांवों का किया दौरा
आज समाज डिजिटल, ऊना:
मक्की की फसल पर फॉल आर्मी वर्म (कीट) का अटैक हो गया है। इससे ऊना जिले में किसानों को नुकसान होने लगा है। कीट के कारण फसल खराब हो रही है। इसे देखते हुए कृषि विभाग के अधिकारियों ने ऊना के रामपुर, कुठार कलां, जनकौर, अवादा वराना, पेखूबेला, बडैहर व देहलां सहित अन्य गांवों में जाकर फाल आर्मी वर्म द्वारा मक्की की फसल पर किए गए आक्रमण का निरीक्षण किया गया। कृषि विषयवाद विशेषज्ञ डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि निरीक्षण के दौरान किसानों को फाल आर्मी वर्म कीट की रोकथाम के लिए एकीकृत कीट प्रबंधन के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। उन्होंने कहा कि फसल बुआई से पहले खेत की गहरी जुताई कर नीम केक 10 किलोग्राम प्रति कनाल का प्रयोग करें, ताकि इस कीट की वयस्क अवस्था को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि रासायनिक खादों का संतुलित मात्रा में प्रयोग करें। उन्होंने बताया कि गहरे प्रकाश और शिकारी पक्षियों के लिए प्यूपा को उजागार करने के लिए खेतों में गहरी जुताई करें। डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि खरीफ मौसम में मक्की की फसल का विकास खंड ऊना में लगभग 4 हजार हैक्टेयर क्षेत्र फॉल आर्मी वार्म कीट से प्रभावित हुआ है। मक्की के खेत में और आसपास वयस्क कीट गतिविधि की निगरानी के लिए रात के घंटों के दौरान प्रकाश ट्रैप एक प्रति हैक्टेयर का उपयोग करें। उन्होंने बताया कि बुआई के बाद जल्द ही फेरोमोन्स ट्रैप 4 प्रति एकड़ स्थापित करें। उन्होंने बताया कि यदि संक्रमण 10 प्रतिशत से अधिक है, तो कीट की रोकथाम के लिए इमामेक्टिन बेंजोएट 5 प्रतिशत एसजी 8 ग्राम प्रति लीटर पानी प्रति कनाल के हिसाब से स्प्रे करें। बेसल खुराक के रूप में एनपीके की केवल अनुशंसित खुराक लागू करें। मक्की के खेतों के चारों ओर नेपियर घास की 3-4 पंक्तियां ट्रैप फसल के रूप में लगाएं। फाल आर्मी वर्म के अंडों व लार्वा का हाथों से विनाश करें। निरीक्षण दल में सहायक कृषि अधिकारी बलदेव शर्मा, कृषि प्रसार अधिकारी राजा राम शर्मा व सुनीता शर्मा उपस्थित रहे।
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