जरुरतमंद गरीब, असहाय ताकते रह जाते हैं सरकार की ओर मुंह Fake Ration Depot
आज समाज डिजिटल,करनाल:
Fake Ration Depot: प्रदेश सरकार जरुरतमंदों के लिए कई लाभकारी योजनाएं चला रही हैं, बावजूद कई भ्रष्ट अधिकारी योजनाबद्ध तरीकों से जरुरतमंद के निवाले पर डाका डालने से बाज नहीं आते। जरुरतमंद गरीब, असहाय सरकार की ओर मुंह ताकते रह जाते है। जबकि भ्रष्ट अधिकारी योजना में शातिर तरीके से भ्रष्टाचार करके लाखों रुपए कमाने में कामयाब होते हैं, जिससे सरकार की फजीयत तो होती ही हैं, वहीं गरीबों के सामने भूखों मरने की नौबत तक आ जाती हैं। ऐसा ही एक मामला खाद्य आपूर्ति विभाग करनाल में सामने आया हैं, जहां विभाग के इंसपेक्टर देवेंद्र मान पर आरोप है कि एक फर्जी डिपो बनाया ओर अपने साथियों से मिलकर गरीबों को मिलने वाले नमक, तेल, आटा, गेहूं, चीनी ओर बाजरे को हड़प लिया।
मामले की जांच कर रही पुलिस Fake Ration Depot
शिकायतकर्ता रविंद्र जागलान ने पुलिस को शिकायत दर्ज करवाने के बाद भ्रष्टाचार का मामला निकलकर सामने आया। पुलिस ने शिकायत ओर जांच रिपोर्ट के आधार पर इंसपेक्टर देवेंद्र मान, डिपो होल्डर जितेंद्र कुमार, अरुण कुमार, प्रेमचंद के खिलाफ विभिन्न गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया। हालांकि अभी तक पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई हैं। पुलिस का दावा है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। मामले की जांच खाद्य आपूर्ति विभाग के डीएफएससी द्वारा सहायक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले अधिकारी इंद्री को सौंपी गई थी, जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही पुलिस को केस दर्ज कराया गया।
नमक, चीनी, आटा, गेहूं, तेल, बाजरा खुर्द बुर्द करने के आरोप Fake Ration Depot
पुलिस की माने तो खाद्य आपूर्ति विभाग के इंसपेक्टर देवेंद्र मान पर आरोप है कि जितेंद्र नाम के व्यक्ति जो कि वास्तविक रूप से बसंत विहार का रहने वाला हैं, उसे चार चमन का निवासी दिखाकर डिपो बना दिया। इंसपेक्टर ने इस डिपो जितेंद्र के साथ अरुण कुमार को भी नॉमनी बना दिया। यहीं नहीं डिपो होल्डर जितेंद्र कुमार ओर अरुण कुमार का बैंक में ज्वाइंट खाता भी हैं, जिसके माध्यम से विभाग से राशन पर मिलने वाली कमीशन व राशन का पैसे जमा होते रहें।
यहीं नहीं डिपो पर भेजे गए राशन पर के बिलों पर प्रेमचंद, अरुण कुमार, जितेंद्र कुमार डिपो धारक के भी हस्ताक्षर हैं। पुलिस के अनुसार विभाग द्वारा पुलिस को सौंपी जांच रिपोर्ट में आरोप लगाए गए कि इंसपेक्टर, जितेंद्र कुमार, अरुण कुमार, प्रेमचंद ने मिलकर राशन को खुर्द बुर्द किया। पुलिस को खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारी द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट में 1588 किलो नमक, 51.41 किलोग्राम बाजरा, 620 लीटर तेल, 123.75 क्विंटल गेहूं,179.75 गेहूं, 224.68 क्विंटल आटा,294 किलो ग्राम चीनी को खुर्द बुर्द कर दिया। ये राशन डिपो पर नहीं मिल पाया।
खाद्य आपूर्ति विभाग के आला अधिकारियों की कार्रवाही पर उठे सवाल Fake Ration Depot
हैरान करने वाला है कि इंसपेक्टर पर कई गंभीर आरोप लगने के बाद भी विभाग के आला अधिकारियों ने आरोपी इंसपेक्टर को अब तक सस्पेंड या विभागीय कार्रवाई तक नहीं की। जिस पर सवाल उठ रहे हैं। सवाल उठ रहे है कि आखिर अब तक क्यों विभाग द्वारा आरोपी इंसपेक्टर के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई, जबकि विभाग द्वारा खुद की जांच में आरोपी इंसपेक्टर राशन खुर्द बुर्द करने में दोषी पाया गया, साथ ही गलत तरीके से राशन डिपो बना दिया, तो फिर आरोपी इंसपेक्टर को कौन बचा रहा है। जो जांच का विषय हो सकता है।
वर्जन*****
मामले में डीएफएससी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि इंसपेक्टर के खिलाफ पुलिस केस की कॉपी व जांच रिपोर्ट आला अधिकारियों को भेजी जा चुकी होगी, इस बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं हैं। उन्होंने अभी-अभी ज्वाइन किया है। दूसरी ओर पुलिस अधिकारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर इंसपेक्टर, डिपो होल्डर सहित 4 के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 420 के तहत केस दर्ज किया गया है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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