आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली:
कोरोना वायरस से मुक्ति पाने के लिए वैक्सीन सबसे बड़ा हथियार माना गया है, लेकिन अब इस वैक्सीन में कई गड़बड़ियां दिखाई दे रही हैं। भारत में नकली कोविशील्ड वैक्सीन मिलने से हड़कंप मचा है। कोरोना महामारी से बचाव के लिए वैक्सीन को सबसे बड़ा हथियार माना है ऐसे में अगर आप भी कोरोना की वैक्सीन लगवा चुके हैं और अब लापरवाही बरत रहे हैं, तो सावधान हो जाए, क्योंकि आपको लगाई गई वैक्सीन नकली भी हो सकती है। हम ऐसा इसलिए कह रहे है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (हऌड) ने चेतावनी दी है कि भारत और यूगांडा में नकली कोविशील्ड वैक्सीन मिली है। सीरम इंस्टीट्यूट ने भी इस बात की पुष्टि की है।
गौरतलब है कि इस फर्जी वैक्सीन का पता तब चला जब भारत में कोविशील्ड की वैक्सीन में उपलब्ध दिखी। दरअसल सीरम की ओर से कोविशील्ड वैक्सीन का उत्पादन नहीं किया जाता है। इस वजह से ऐसी तमाम वैक्सीन को फर्जी बताया। दूसरी तरफ युगांडा में और अगस्त 2021 में एक्सपायरी वाली वैक्सीन मिली थी। बाद में सीरम की तरफ से ही कहा गया कि ये वैक्सीन उनके ओर से नहीं बनाई गई है।
कोरोना वायरस से मुक्ति पाने के लिए वैक्सीन सबसे बड़ा हथियार माना गया है, लेकिन अब इस वैक्सीन में कई गड़बड़ियां दिखाई दे रही हैं। भारत में नकली कोविशील्ड वैक्सीन मिलने से हड़कंप मचा है। कोरोना महामारी से बचाव के लिए वैक्सीन को सबसे बड़ा हथियार माना है ऐसे में अगर आप भी कोरोना की वैक्सीन लगवा चुके हैं और अब लापरवाही बरत रहे हैं, तो सावधान हो जाए, क्योंकि आपको लगाई गई वैक्सीन नकली भी हो सकती है। हम ऐसा इसलिए कह रहे है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (हऌड) ने चेतावनी दी है कि भारत और यूगांडा में नकली कोविशील्ड वैक्सीन मिली है। सीरम इंस्टीट्यूट ने भी इस बात की पुष्टि की है।
गौरतलब है कि इस फर्जी वैक्सीन का पता तब चला जब भारत में कोविशील्ड की वैक्सीन में उपलब्ध दिखी। दरअसल सीरम की ओर से कोविशील्ड वैक्सीन का उत्पादन नहीं किया जाता है। इस वजह से ऐसी तमाम वैक्सीन को फर्जी बताया। दूसरी तरफ युगांडा में और अगस्त 2021 में एक्सपायरी वाली वैक्सीन मिली थी। बाद में सीरम की तरफ से ही कहा गया कि ये वैक्सीन उनके ओर से नहीं बनाई गई है।
तीसरे चरण का ट्रायल हो चुका है पूरा
नकली कोविशील्ड वैक्सीन पर चेतावनी जारी की है। इस साल जुलाई-अगस्त में डब्ल्यूएचओ को यह नकली वैक्सीन मिली है। इसके बाद कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली सीरम इंस्टीट्यूट आॅफ इंडिया ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है कि बाजार में नकली कोविशील्ड वैक्सीन लोगों को दी जा रही है।
डब्ल्यूएचओ ने किया आगाह
नकली कोविशील्ड वैक्सीन मिलने पर डब्ल्यूएचओ ने कहा कि नकली कोविड वैक्सीन लोगों के लिए खतरा पैदा कर सकती है। यह किसी देश के लोगों और उसके हेल्थकेयर सिस्टम पर बड़ा बोझ डाल सकती है। आम लोगों को नुकसान से बचाने के लिए नकली कोविड वैक्सीन की पहचान करना और उसे बाजार से बाहर करना बहुत जरूरी है।
ऐसी वैक्सीन लेने वालों को हो सकता है संक्रमण
कोवीशील्ड की नकली वैक्सीन के बारे में इस साल जुलाई-अगस्त में ही खबर मिली थी। अब डब्ल्यूएचओ ने मेडिकल प्रोडक्ट्स की सप्लाई चेन पर निगरानी रखने की सलाह दी है। स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि खासतौर पर उन देशों में इसकी जरूरत है, जहां नकली वैक्सीन मिलने की घटनाएं सामने आई हैं।
नकली कोविशील्ड वैक्सीन पर चेतावनी जारी की है। इस साल जुलाई-अगस्त में डब्ल्यूएचओ को यह नकली वैक्सीन मिली है। इसके बाद कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली सीरम इंस्टीट्यूट आॅफ इंडिया ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है कि बाजार में नकली कोविशील्ड वैक्सीन लोगों को दी जा रही है।
डब्ल्यूएचओ ने किया आगाह
नकली कोविशील्ड वैक्सीन मिलने पर डब्ल्यूएचओ ने कहा कि नकली कोविड वैक्सीन लोगों के लिए खतरा पैदा कर सकती है। यह किसी देश के लोगों और उसके हेल्थकेयर सिस्टम पर बड़ा बोझ डाल सकती है। आम लोगों को नुकसान से बचाने के लिए नकली कोविड वैक्सीन की पहचान करना और उसे बाजार से बाहर करना बहुत जरूरी है।
ऐसी वैक्सीन लेने वालों को हो सकता है संक्रमण
कोवीशील्ड की नकली वैक्सीन के बारे में इस साल जुलाई-अगस्त में ही खबर मिली थी। अब डब्ल्यूएचओ ने मेडिकल प्रोडक्ट्स की सप्लाई चेन पर निगरानी रखने की सलाह दी है। स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि खासतौर पर उन देशों में इसकी जरूरत है, जहां नकली वैक्सीन मिलने की घटनाएं सामने आई हैं।