Facebook Lost 1 Million Users फेसबुक के 10 लाख यूजर घटे, जुकरबर्ग ने क्या की गलती?
आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली:
Facebook Lost 1 Million Users : वर्तमान समय में फेसबुक के बिना सोशल मीडिया की कल्पना तक नहीं की जा सकती। यह एक ऐसी साइट है जो सोशल मीडिया के माध्यम से अपनों को मिलाने का काम करती है। मिलने वाले लोग मित्र के अलावा सगे और रिश्तेदार भी होते हैं। फेसबुक के जन्म को 18 वर्ष बीत चुके हैं। 4 फरवरी 2004 को इसका जन्म हुआ था। रोजाना इसे इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में यदि हम कहें कि 10 लाख लोगों ने फेसबुक को अलविदा कह दिया है तो आपको विश्वास नहीं होगा। ऐसा 18 सालों में पहली बार हुआ है कि एक्टिव यूजर्स की संख्या में कमी देखी जा रही है।
चार दोस्तों के साथ बनाया था फेसबुक
14 मई 1984 को न्यूयार्क में जन्में फेसबुक के संस्थापक मार्क इलियट जुकरबर्ग हावर्ड विश्वविद्यालय में पढ़े। शिक्षा ग्रहण करते समय ही इन्होंने फेसबुक ईजाद की। चार दोस्तों के साथ जुकरबर्ग फेसबुक के प्रमुख संस्थापक होने के साथ विश्व के सबसे कम उम्र के अरबपति में से एक हैं। फेसबुक एक ऐसी सोशल साइट है जिसके माध्यम से आप हर पल की अच्छी हो या बुरी खबर, मेसेज या फोटो के माध्यम से शेयर कर भी सकते है।
यह गिरावट ऐतिहासिक, कैसे होगी पूर्ति
फेसबुक के डेली यूजर्स 2021 जुलाई-सितंबर में 1.930 अरब थे तो 2021 अक्टूबर-दिसंबर में घटकर 1.929 अरब हो गए। लगभग 10 लाख से ज्यादा की कमी। इसके अलावा वाट्सऐप और इंस्टाग्राम जैसे दूसरे ऐप्स के यूजर की संख्या में भी वृद्धि काफी कम रही। फेसबुक के डेली एक्टिव यूजर्स में अफ्रीका और लेटिन अमेरिका में सबसे ज्यादा कमी देखने को मिली है।
पहले डाटा चोरी करने का लगा का आरोप
राजनीतिक पार्टियों को परामर्श देने वाली कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका पर 2018 में करीब 8.7 करोड़ यूजर का डाटा चोरी का आरोप लगा था। कंपनी पर आरोप लगा कि उसने फेसबुक से चोरी डाटा का इस्तेमाल 2016 में हुए अमेरिकी चुनावों को प्रभावित करने के लिए किया था। यह क्विज एप के माध्यम से हासिल किया था, जिसमें यूजर्स को कुछ सवालों के जवाब देने थे। कैम्ब्रिज एनालिटिका स्कैंडल सामने आने के बाद फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग ने स्वीकार किया था कि उनकी कंपनी से गलतियां हुई हैं।
जुकरबर्ग का नुकसान
- तिमाही रिपोर्ट आने के बाद शेयरों में 26 फीसद की कमी हुई।
- मेटा का मार्केट कैप 17 लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान।
- जुकरबर्ग की नेटबर्थ में भी 2.3 लाख करोड़ की कमी हुई है।
- -एस्टोनिया की जीडीपी जैसी कमी, जुकरबर्ग की नेटबर्थ 6.7 लाख करोड़।
– - कंपनी के ट्रेड टूल से ह्यूमन ट्रैफिकिंग का बिजनेस फेसबुक पर अरबी में खादीमा या मेड्स सर्च करते हैं तो अफ्रीकियों और दक्षिण एशियाई महिलाओं की उम्र और उनकी फोटो कीमत के साथ लिस्टेड रहती हैं।
- फेसबुक के प्रोडक्ट बच्चों के लिए नुकसानदेह होते हैं। ये विभाजन को बढ़ावा देते हैं और लोकतंत्र को खतरे में डालते हैं।
क्या फेसबुक बन रहा फेकबुक?
फेसबुक की आंतरिक रिपोर्टों के हवाले से समाचार संस्थानों के वैश्विक समूह ने खुलासा किया कि भारत में सोशल मीडिया का यह प्लेटफॉर्म फेकबुक की शक्ल लेता जा रहा है। इसमें बताया कि कैसे भारत में फर्जी अकाउंट्स से झूठी खबरों से चुनाव प्रभावित होते हैं।
कोरोना वैक्सीन से जुड़ी गलत पोस्ट वायरल
फेसबुक से जुड़ी एक रिसर्च में साल 2021 में कहा गया कि कंपनी ने कोरोना महामारी और वैक्सीनेशन से जुड़ी कई फेक प्रोफाइल को फेसबुक और इंस्टाग्राम पर प्रमोट किया। इसके चलते 2021 में इन प्रोफाइल के 370,000 फॉलोअर्स बन गए। फेसबुक से जुड़ी इस रिसर्च को न्यूजगार्ड ने किया है। ये ऐसा आॅर्गनाइजेशन है, जो इंटरनेट पर आने वाले फेक न्यूज, हेट स्पीच, भड़काऊ कंटेंट पर नजर रखता है। ये 20 अकाउंट, पेज और ग्रुप को ट्रैक कर रहा था।
नफरत फैलाने का आरोप भी फेसबुक पर
म्यांमार नरसंहार के लिए रोहिंग्याओं ने कंपनी पर हेट स्पीच का आरोप लगाते हुए 11 लाख करोड़ का केस किया था। इसके साथ ही अमेरिकी संसद पर हमले की घटना में भी फेसबुक पर नफरत फैलाने का आरोप लगा था।
यूजर घटने की यह हो सकती है वजह
एपल की ओर से प्राइवेसी नियमों में किए गए बदलाव से भी कंपनी को समस्या हुई है। इसने इंस्टाग्राम पर एड के लिए यूजर्स को टारगेट करना मुश्किल बना दिया है।भारत में मोबाइल कंपनियों की ओर से डेटा महंगा करने का भी असर फेसबुक यूजर पर असर पड़ा है। इससे भारत में फेसबुक डेली फेसबुक यूजर्स की ग्रोथ रुक गई। टिकटॉक और यूट्यूब सहित राइवल प्लेटफार्मों से कम्पटीशन के चलते भी फेसबुक के डेली यूजर्स में कमी आई है। टिकटॉक युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है। ऐसे में युवा फेसबुक से टिकटॉक पर शिफ्ट हो रहे हैं।
फेसबुक में ठहराव का दौर
टेक एक्सपर्ट का कहना है कि डेली एक्टिव यूजर्स में कमी दशार्ती है कि अब फेसबुक ठहराव के दौर में आ चुका है। इसका मतलब यह हुआ कि अब कंपनी के यूजर बेस में विस्तार होना काफी मुश्किल है।
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