नई दिल्ली। लेबनान की राजधानी बेरुत में हुए जबरदस्त धमाकेमें डेढ़ सौ सेज्यादा लोग मारे गए और हजारों लोग घायल हुए थे। यह धमाका इतना ज्यादा जोरदार था कि आस पास के कई किलोमीटर तक इसकी आवाज सुनाई दी और धमाके केकारण घरों और कारों केशीशी टूट गए। इस विस्फोट से पहले कई बार चेतावनी भी जारी की गई थी। बंदरगाह में विस्फोटक रसायनों के जखीरे की जानकारी पहले ही कई बार सीमा शुल्क अधिकारियों, सेना, सुरक्षा एजेंसियों और न्यायपालिका के अधिकारियों नेदी थी। पिछले छह वर्ष में कम से कम 10 बार इस बात को लेकर चेतावनी दी थी कि बेरूत के बंदरगाह में विस्फोटक रसायनों का जखीरा पड़ा है और उसकी सुरक्षा लगभग न के बराबर है। हाल में सामने आए कुछ दस्तावेजों से यह पता चलता है। न चेतावनियों पर जरा भी गौर नहीं किया गया और मंगलवार को 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट में विस्फोट हो गया जिससे देश के मुख्य वाणिज्यिक केंद्र में भयंकर तबाही मची तथा हर तरफ मौत और बबार्दी के मंजर देखे गए। राष्ट्रपति मिचेल औन ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें करीब तीन हफ्ते पहले खतरनाक रसायन भंडार के बारे में जानकारी दी गई थी और उन्होंने फौरन सैन्य तथा सुरक्षा एजेंसियों को आवश्यक कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी जिम्मेदारी वहां खत्म हो गई थी क्योंकि बंदरगाह पर उनका कोई अधिकार नहीं है।