आज समाज डिजिटल, अंबाला:
Expert Opinion कोरोना की तीसरी लहर चल रही है। लगभग सात राज्यों में इसका प्रकोप ज्यादा दिखाई दे रहा है। ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि क्या तीसरा लॉकडाउन लगेगा या नहीं। अगर देश में पहले के दो लाकडाउन पर नजर डालें तो देश में कोरोना की स्थिति पहले से ज्यादा भयावह है। (Expert Opinion)
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Preparations For The Third Wave
Preparations For The Third Wave यदि इस रोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके विशेषज्ञों की मानें तो इस समय देश में स्वास्थ्य का आधारभूत ढांचा मजबूत है। कोरोना की पहली लहर और दूसरी लहर के बाद देश में स्वास्थ्य की स्थिति सुधरी है।(Expert Opinion ) करीब 18.03 लाख आइसोलेशन बेड का इंतजाम हमारे देश में है। इसके अलावा लगभग सवा लाख आइसीयू बेड के इंतजाम है। देश में आॅक्सीजन के प्लांट भी पर्याप्त संख्या में हैं। इनकी क्षमता भी ठीक है। अब तक 150 करोड़ वैक्सीन डोज दिए जा चुके हैं। इसमें 64 फीसद आबादी को एक डोज मिल चुकी है और 46 फीसद आबादी को दोनों डोज हो चुकी है। ऐसे में कठोर लाकडाउन की उम्मीद कम ही लगती है।
These are Arrangements For Health services
These are Arrangements For Health services : अगर देश के दूसरे लाकडाउन के फामूर्ले पर चलें तो भारत में इसकी कितनी संभावना है। इस बार हालात अलग हैं। विशेषज्ञों के अनुसार राहत वाली बात यह है कि कोरोना की रफ्तार भले तेज हो, लेकिन अस्पताल में संक्रमितों की भर्ती होने का अनुपात कम है। इसके अलावा देश में दूसरे लाकडाउन के बाद देश में स्वास्थ्य सुविधाओं की क्षमता बढ़ी है। कुछ राज्यों को छोड़ दिया जाए तो पहले जैसा पैनिक नहीं है। दिल्ली, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में कोरोना की स्थिति थोड़ी गंभीर है।
Night curfew in These States
Night curfew in These States मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है। मध्य प्रदेश में स्कूलों और कालेजों में 50 फीसद की उपस्थिति के साथ पाबंदियां लगाई हैं। राज्य में सार्वजनिक स्थलों पर जाने के लिए वैक्सीनेशन को जरूरी बनाया है। यूपी में 8वीं तक के स्कूल बंद हैं। सार्वजनिक स्थल में 200 लोगों की अनुमति है। दिल्ली में शिक्षण संस्थान बंद हैं। सरकारी दफ्तरों में वर्क फ्राम होम की व्यवस्था की गई है। गुजरात में स्कूल और कालेज खुले हैं, लेकिन सार्वजनिक स्थलों में वैक्सीनेशन को जरूरी किया गया है। इन तमाम उपबंधों से ओमिक्रोन को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
लाकडाउन का पहला फार्मूला और ताजा हालात
केंद्र सरकार के पहले फामूर्ले को देखा जाए तो लाकडाउन की कितनी संभावना है। संक्रमण की रफ्तार को देखा जाए तो कोरोना के मामलों में ऐसी तेजी पहले कभी नहीं दिखी। इसलिए अगर पहले लाकडाउन के फामूर्ले से चलें तो केंद्र सरकार को अब तक लाकडाउन लगा देना चाहिए। इससे संक्रमण की गति को नियंत्रित किया जा सके। तीसरी लहर के दौरान छह जनवरी तक केस डबल होने की रफ्तार 454 दिन पर आ गई और इस दौरान रोज आने वाले कोरोना संक्रमण के मामलों में 18 गुना बढ़ोत्तरी हुई है, लेकिन हालात अभी काबू में है। सरकार को इस बात से राहत है कि अस्पताल में मरीजों की आमद कम है।
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