यमुना का प्रदूषण बना था विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा, अब कूड़ा-कचरा और पूजा सामग्री डालने पर होगी कार्रवाई

Delhi Breaking News (आज समाज), नई दिल्ली। दिल्ली में यमुना नदी में प्रदूषण एक बड़ा मुद्दा बन गया है। एक तरफ जहां वादा करने के बाद भी आम आदमी पार्टी 10 साल में यमुना में प्रदूषण को कम नहीं कर पाई वहीं भाजपा ने लोगों से वादा किया है कि वह तीन साल में यमुना को प्रदूषण मुक्त कर देगी। राजनीतिक विश्लेषक विधानसभा चुनाव में आप की हार के पीछे यमुना में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को भी एक बड़ा मुद्दा मान रहे हैं। अब जबकि भाजपा दिल्ली में सरकार बनाने जा रही है तो यमुना में प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए भी प्रयास शुरू हो चुके हैं।

कूड़ा कचरा व पूजा सामग्री फेंकने पर रोक

यमुना नदी में अब लोग कूड़ा कचरा व पूजा सामग्री नहीं डाल सकेंगे। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि यमुना नदी में पूजा सामग्री आदि फेंकने वाले लोगों को जागरूक किया जाए तथा यमुना नदी के किनारों पर पूजा सामग्री आदि रखने के लिए स्थान बनाए जाएं । इसके बाद भी अगर लोग नहीं मानते हैं तभी विभाग आगे की कार्रवाई पर विचार करे।

भाजपा ने यह लक्ष्य किया है निर्धारित

अगले तीन साल में यमुना नदी को साफ कर दीजिए जाने का नई सरकार का लक्ष्य निर्धारित होने के बाद दिल्ली का सरकारी हमला भी सक्रिय हो गया है। मुख्य सचिव धर्मेंद्र ने संबंधित विभागों को निर्देश दिया है कि यमुना में पूजा सामग्री कूड़ा कचरा आदि फेंकने वालों पर रोक लगाई जाए। जिन स्थान से यमुना में सामग्री फेंकी जाती है उनको बंद किया जाए। सरकार के सूत्रों ने कहा कि मुख्य सचिव ने यह बात विशेष रूप से कही है कि इसके लिए लोगों को जागरुक किया जाना बहुत जरूरी है।

उन्हें इस बात का एहसास कराया जाए कि यमुना में पूजा सामग्री आदि कचरा फेंककर वह यमुना को प्रदूषित कर रहे हैं। लोग जब यह बात समझ लेंगे तो स्वयं ही यमुना को प्रदूषित करना बंद कर देंगे। इसके साथ ही यमुना के दोनों किनारों पर पूरा सामग्री रखने के लिए स्थान बनाए जाएं और सामग्री के एकत्रित होने पर उसे समानपूर्वक समाप्त किया जाए। इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जाए कि किसी की भावनाएं आहत न हो।

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