Excise Policy Case: उपराज्यपाल ने केजरीवाल पर मुकदमा चलाने के लिए ईडी को दी मंजूरी

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Excise Policy Case: उपराज्यपाल ने केजरीवाल पर मुकदमा चलाने के लिए ईडी को दी मंजूरी
Excise Policy Case: उपराज्यपाल ने केजरीवाल पर मुकदमा चलाने के लिए ईडी को दी मंजूरी

Updates On Delhi Liquor Scam, (आज समाज), नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने आबकारी नीति घोटाले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को आम आदमी पार्टी (आप) के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल पर मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। सचिवालय के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि ईडी ने 5 दिसंबर को मुख्य सतर्कता अधिकारी के रूप में दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेंद्र को पत्र लिखकर केजरीवाल पर मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी।

मेसर्स इंडो-स्पिरिट्स एंड अदर्स मामला

ईडी ने पूर्व सीएम पर मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी को लेकर दिए गए अनुरोध पत्र में कहा था- सूचित किया जाता है कि इस कार्यालय ने वर्ष 2021-22 के लिए दिल्ली की जीएनसीटीडी की आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में अनियमितताओं के लिए मेसर्स इंडो-स्पिरिट्स एंड अदर्स मामले में केजरीवाल (आरोपी संख्या 37) के खिलाफ 17 मई 2024 को अभियोजन शिकायत (एसपीसी-7) दायर की है।

ईडी ने मंजूरी के अनुरोध में यह भी कहा

ईडी ने मंजूरी के अनुरोध में कहा है कि एक विशेष अदालत ने भी उसके द्वारा 9 जुलाई 2024 को दायर अभियोजन शिकायत का संज्ञान लिया था और सुप्रीम कोर्ट ने ईडी बनाम बिभु प्रसाद आचार्य व अन्य के मामले में स्पष्ट किया था कि सीआरपीसी का प्रावधान पीएमएलए की धारा 65 पर लागू होता है और धारा 71(1) सीआरपीसी के प्रावधान को ओवरराइड नहीं कर सकती है जो पीएमएलए पर लागू होती है।

पीएमएलए की धारा 4 के तहत हो सकती है आवश्यकता

पिछले महीने 11 नवंबर के फैसले के अनुसार स्वीकृति में यह भी कहा गया है कि उपरोक्त तथ्य व परिस्थितियों को देखते हुए, दिल्ली सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ पीएमएलए की धारा 4 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के लिए मुकदमा चलाने की अनुमति की आवश्यकता हो सकती है। सचिवालय अधिकारियों के अनुसार, सक्सेना ने बाद में ईडी के मामले के संबंध में केजरीवाल पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी थी।

ऐसी कोई अनुमति नहीं दी : आप

आप ने दावा किया कि ऐसी कोई अनुमति नहीं दी गई है। उसने ईडी पर मामले की जांच में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया, जिसके संबंध में केजरीवाल और उनके पूर्व डिप्टी मनीष सिसोदिया सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता जेल में रह चुके हैं हैं। आप ने कहा, शिकायत दर्ज होने के लगभग एक साल बाद अभियोजन स्वीकृति के बारे में बात करना, ईडी द्वारा इस मामले को संभालने की लापरवाही को दर्शाता है। पार्टी ने एजेंसी पर हर प्रक्रियागत मानदंड का उल्लंघन करने और जांच के नाम पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। आप ने आरोप लगाया, तथाकथित शराब घोटाले की जांच दो साल तक चली, 500 लोगों को परेशान किया गया, 50,000 पन्नों के दस्तावेज दाखिल किए गए और 250 से अधिक छापे मारे गए, लेकिन एक भी पैसा बरामद नहीं हुआ।

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