मनोज वर्मा, कैथल :
सरकर तो योजनाए बनाकर लोगों का जीवन स्तर अच्छा बनाने की कोशिश करती है। लेकिन जब योजनांए धरातल पर उतरती हैं, तो अधिकारियों की लापरवाही से सबकुछ टांए-टांए फिस हो जाता है। ऐसा ही एक मामला गाँव फिरोजपुर में सामने आया है। गाँव के लोगों के पीने के पानी की समस्या को देखते हुए जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा सन 2012-13 में पानी की पाईप लाईन बिछाने का निर्णय लिया गया था। जिस बीच जन स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा योजना बना कर उसका 22.50 लाख रूपये का एस्टीमेट भी पास कर दिया गया था और तो और विभाग के द्वारा एक प्रमाण पत्र भी जारी किया गया था। जिसमें ये साफ़ लिखा है की ये एस्टीमेट इसी प्रोजेक्ट के लिए मान्य रहेगा। क्योंकि इस गाँव के लोगों को भी इसकी सख्त जरूरत है।
ग्रामीणों का आरोप है की, विभाग के संबंधित अधिकारियों ने गुहला के पूर्व विधायक के दबाव में उनके गाँव के लिए पास हुई पीने के पानी की पाईप लाईन को खुद के गांव कलर माजरा तहसील गुहला में बिछवाई है। जोकि ऐसा करना गलत है। गांव वालों का यह भी कहना है की, इस मामले को लेकर वो कई बार विभाग के अधिकारियों से मिल चुके हंै। जो उन्हें पिछले 7 सालों से नई पाईप लाइन लगाने का सिर्फ आश्वासन ही देते आ रहे है। धरातल की सचाई ये है की ये गाँव आज भी पीने के पानी की समस्या के लिए जूझ रहा है।
जब विभाग के आला अधिकारियों से बार बार इस विषय में बात करनी चाही तो वे किसी भी टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हो सके।
क्या कहते हैं पूर्व विधायक
जब इस विषय में पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर से बात करनी चाही तो उनका मोबाईल फोन पहुंच से बाहर जा रहा था। कई बार प्रयास करने के पश्चात भी उनसे बात नहीं हो सकी।
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