रोहित शर्मा ने केकेआर के आक्रमण की कलई खोल दी। उन्होंने बतौर ओपनर न सिर्फ इस आईपीएल का सबसे बड़ा निजी स्कोर बनाया बल्कि पॉवरप्ले में अपनी टीम को सबसे बड़ा स्कोर बनाने में अहम योगदान दिया। यह न सिर्फ इस मैच का भी सबसे बड़ा स्कोर साबित हुआ बल्कि इस पारी ने मैच में सबसे बड़ा अंतर साबित किया।
रोहित आईपीएल का खिताब सबसे अधिक चार बार जीतने वाली टीम के कप्तान हैं और अब पिछले तीन वर्षों में उनका प्रदर्शन पूरी तरह से रिज़ल्ट पर केंद्रित रहा है। उनकी बल्लेबाज़ी का जो औसत आईपीएल के पहले आठ वर्षों में रहा है वैसा पिछले तीन वर्षों में नहीं रहा है। औसत और स्ट्राइक रेट दोनों में उनका प्रदर्शन गिरा है लेकिन इसका टीम पर कोई बुरा असर नहीं पड़ा। वह टीम के लिए एक बड़े एसेट साबित हुए हैं। इसमें खासकर उनकी कप्तानी में लिए कुछ बड़े फैसले टीम के लिए सबसे उपयोगी साबित हुए हैं।
उनका ताज़ातरीन फैसला जेम्स पैटिंसन और ट्रेंट बोल्ड से शुरुआती ओवरों में गेंदबाज़ी कराना है। जसप्रीत बुमराह के होते हुए यह वास्तव में मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ है। पहले चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ और फिर कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ पॉवरप्ले में ही दोनों ने सलामी बल्लेबजों को पविलियन पहुंचाया। बुमराह भी खासकर दूसरे मैच में अपनी कसी हुई गेंदबाज़ी से अच्छा प्रभाव छोड़ने में क़ामयाब रहे। दूसरे, कोई और टीम होती तो पहला मैच हारने के बाद टीम में फेरबदल करने के बारे में सोचती या फिर उसका मनोवैज्ञानिक असर उनके खेल पर दिखता लेकिन बिना इस बात से विचलित हुए रोहित ने अपनी टीम में कोई बदलाव नहीं किया।
एक तो पहले मैच की हार और दूसरे आबू धाबी का मैदान, जहां तेज़ी से रन बनना आसान नहीं है। जहां की स्कवेयर बाउंड्री भी काफी बड़ी हैं। जहां गर्मी और उमस से बल्लेबाज़ों के 6 से 7 ओवर क्रीज़ पर रहकर हाल बेहाल हो जाते हैं। ऐसे हालात में रोहित ने न सिर्फ ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी करके रन गति को आगे बढ़ाया बल्कि सूर्यकुमार यादव के साथ बढ़िया पार्टनरशिप करके अपनी टीम को मज़बूत आधार दिया। रोहित आम तौर पर शॉर्ट गेंद पर पुल करने में माहिर माने जाते हैं लेकिन यहां केकेआर के कप्तान दिनेश कार्तिक ने उनकी इस खूबी को देखते हुए अपने गेंदबाज़ों को खासकर शॉर्ट ऑफ गुड लेंग्थ पर गेंदें करने की सलाह दी। ऐसी गेंदों पर रोहित का बल्ला खूब गरजा। उन्होंने ऐसी गेंदों पर पुल शॉट स्कवेयर ऑफ द विकेट और मिडविकेट के ऊपर से खेले। उन्होंने सुनील वॉरियर पर दो छक्के कवर के ऊपर से उड़ाए।
दरअसल, आबू धाबी में ओपनिंग बल्लेबाज़ी करना सबसे चुनौतीपूर्ण है क्योंकि यहां पहले छह ओवर में गेंद खूब सीम होती है। यही पॉवरप्ले के ओवर हैं जहां बल्लेबाज़ पर 30 गज के दायरे में दो फील्डरों के होने का फायदा उठाते हुए रन गति को तेज़ करने का दबाव होता है। इसी प्रयास में उनके विकेट भी गिरते हैं। ऐसे हालात में रोहित शर्मा ने केकेआर के तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण की धज्जियां उड़ा दी। उनका अनुभव और तेज़ गेंदबाज़ की शॉर्ट और गुडलेंग्थ गेंदों का माकूल जवाब देने की क्षमता ने उनका काम आसान कर दिया।
रोहित 18वीं बार मैन ऑफ द मैच बनने के साथ ही धोनी और वॉर्नर को पीछे छोड़न में सफल रहे। ये दोनों 17-17 बार ये पुरस्कार जीत चुके हैं। केकेआर के खिलाफ छह छक्के लगाने के साथ वह आईपीएल में 200 छक्के पूरे करने वाले चौथे खिलाड़ी बन गए। उनसे आगे क्रिस गेल, एबी डिविलियर्स और एमएस धोनी हैं।
अब रोहित पर कप्तानी की भी ज़िम्मेदारी है। वह जानते हैं कि कप्तानी में एक गलत फैसला मैच की तस्वीर बदल सकता है। शायद यही वजह है कि उनके निजी प्रदर्शन में पिछले तीन वर्षों में खासकर आईपीएल में गिरावट आई है लेकिन इन तीन वर्षों में दो बार आईपीएल का खिताब जीतना यही ज़ाहिर करता है कि अब उनके लिए मैच का नतीज़ा ही सब कुछ है। अब रोहित को 28 सितम्बर को डेल स्टेन, नवदीप सैनी और यजुवेंद्र चहल के आक्रमण का सामना करना है। आरसीबी की यह चुनौती और भी चैलेंजिंग है।
-पुष्पांग