स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने नेत्र दान के बारे में जागरूकता की भूमिका पर जोर दिया
Punjab News(आज समाज)चंडीगढ़ : नेत्र दान के महत्व के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने और ट्रांसप्लांटेशन के लिए कॉर्निया की गंभीर कमी को पूरा करने के मद्देनजर लोगों को मृत्यु उपरांत नेत्र दान के लिए प्रेरित करने हेतु , पंजाब के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने रविवार को 39वें राष्ट्रीय नेत्र दान पखवाड़े की शुरुआत की।
स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से नेत्र दान के लिए आगे आने की अपील की। उन्होंने कहा कि नेत्र दान एक नेक कार्य है क्योंकि यह नेत्रहीन व्यक्ति के अंधेरे जीवन को रोशनी का तोहफा दे सकता है। 39वां राष्ट्रीय नेत्र दान पखवाड़ा 25 अगस्त से 8 सितंबर तक मनाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस पखवाड़े के दौरान लोगों को जागरूक करने के लिए बड़े स्तर पर सूचना, शिक्षा और संचार (आई.ई.सी.) गतिविधियाँ तेज की जाएंगी।
डॉ. बलबीर सिंह, जो स्वयं एक नेत्र सर्जन हैं, ने बताया कि कॉर्निया में दोष होने के कारण अंधापन हो जाता है, जिसे कॉर्नियल ब्लाइंडनेस कहा जाता है। वास्तव में कॉर्निया, पुतली (आईरिस) के सामने एक पारदर्शी परत होती है। उन्होंने बताया, “दाता की आंखों से कॉर्निया निकाला जाता है और इसे जरूरतमंद व्यक्ति की आंखों में प्रत्यारोपित किया जाता है, जिससे वह इस रंगीन संसार को देखने योग्य हो जाता है,” उन्होंने आगे कहा कि सर्जरी की इस प्रक्रिया को केरा टोप्लास्टी कहा जाता है।
11 लाख लोग कॉर्नियल ब्लाइंडनेस से पीड़ित
उन्होंने बताया कि भारत में लगभग 11 लाख लोग कॉर्नियल ब्लाइंडनेस से पीड़ित हैं और हर साल 25,000 नए मामले सामने आते हैं। परंतु, भारत में हर साल सिर्फ 25,000 कॉर्नियल ट्रांसप्लांट ही करवाए जाते हैं। “नेत्र दाताओं और कॉर्नियल दृष्टिहीन व्यक्तियों की संख्या में बहुत बड़ा अंतर है। इसलिए हमें सभी को नेत्र दान करने का संकल्प लेना चाहिए ताकि अपने राज्य और देश को कॉर्नियल ब्लाइंडनेस से मुक्त किया जा सके। उन्होंने आगे कहा कि हमारे पास ट्रांसप्लांट करने के लिए प्रशिक्षित, उच्च योग्यता प्राप्त सर्जन और अस्पताल की सुविधाएँ उपलब्ध हैं, लेकिन हमारे पास सर्जरी करने के लिए आवश्यक नेत्र ऊतक नहीं हैं।