रींतेंद्र सिंह सोढी
पिछले दिनों जब जॉनी बेयरस्टो और बेन स्टोक्स भारतीय स्पिनरों की धुनाई कर रहे थे, तब ऐसा कहा जा रहा था कि अग्रेजों ने भारतीय स्पिनरों को अच्छी तरह से पढ़ लियाहै लेकिन यहां मैं हरभजन सिंह का उदाहरण देना चाहूंगा कि उस खिलाड़ी ने इंटरनैशनल क्रिकेट में 400 से ज़्यादा विकेट लिए। उन्हें तो कोई विदेशी खिलाड़ी नहीं पढ़ पाया क्योंकि भज्जी मकी गेंदबाज़ी में इतनी विविधता थी कि उन्हें पढ़ पाना किसी के बस की बात नहीं थी। यही हरभजन सिंह आईपीएल का भी स्टार रहा जिसने मुम्बई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से शानदार गेंदबाज़ी करके सबका दिल जीत लिया।
मैं समझता हूं कि आज के हर स्पिनर को हरभजन सिंह से सीखना चाहिए। आज की पीढ़ी को अपने अंदर हरभजन जैसा हुनर पैदा करना होगा। यह ठीक है कि क्रुणाल पांड्या और कुलदीप यादव की गेंदों पर बेयरस्टो और बेन स्टोक्स ने बड़े शॉट्स लगाए। एक तो इन दोनों बल्लेबाज़ों की क्लास ही अलग है और दूसरे हमारे इन दोनों स्पिनरों के लिए वह एक लर्निंग एक्सपीरियंस साबित हुआ। मैं यहां एक ट्राई सीरीज़ का उदाहरण देना चाहूंगा। उन दिनों श्रीलंका के विस्फोटक बल्लेबाज़ सनत जयसूर्या अपने पूरे शवाब पर थे। श्रीनाथ और प्रसाद के शुरुआती ओवरों में उन्होंने खूब रन बनाए। इसके बाद हरभजन सिंह को मोर्चे पर लाया गया और हरभजन का वह ओवर मेडन रहा। वर्ल्ड क्लास बल्लेबाज़ ने दूसरे वर्ल्ड क्लास बॉलर का खूब सम्मान किया और उन्हें बेहद सावधानी के साथ खेले। अब जालंधर से एक खिलाड़ी का विपरीत हालात में आगे आना और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में छा जाना बहुत कुछ बयान करता है।
आईपीएल दरअसल बहुत बड़ा मंच है। जिन दिनों मैं टीम इंडिया से खेला, उस समय अगर आईपीएल होता तो मुझे अपने खेल को निखारने में काफी मदद मिलती। वहां का अनुभव हमारे खासा काम आता। आज स्थिति यह है कि आईपीएल में शानदार प्रदर्शन करने पर दुनिया देखती है और यह किसी खिलाड़ी के राष्ट्रीय टीम में आने का कारण बनता है। चयनकर्ताओं को काफी टैलंट आईपीएल में ही मिलता है।
आज टीम इंडिया में सूर्य कुमार यादव, ईशान किशन, हार्दिक पांड्या, क्रुणाल पांड्या आदि खिलाड़ी आईपीएल की ही देन रहे हैं। इन्होंने पहले आईपीएल में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया और उसके बाद सेलेक्टर्स को भी उन्होंने टीम में चुने जाने के लिए मजबूर कर दिया। इसी आईपीएल के मंच पर आपको एबी डिविलियर्स, कागिसो रबाडा जैसे दिग्गजों के साथ खेलने का मौका मिलता है। हमेशा अपने खिलाड़ियों को अपने प्रदर्शन में कुछ बेहतर करने की कोशिश करनी चाहिए जिससे वह अपने खेल में कुछ और सुधार करता चला जाए। उम्मीद है कि इस बार आईपीएल से काफी टैलंट सामने आएगा।
(लेखक टीम इंडिया की ओर से 18 वनडे खेल चुके हैं और इस समय इंडिया न्यूज़ के क्रिकेट समीक्षक हैं)