प्रवीण वालिया, करनाल:
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने कहा कि जब तक केंद्र में शासित भाजपा की सरकार तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापिस लेने के साथ साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद गांरटी का कानून नहीं बना देती तब तक दिल्ली से वापिस लौटने का सवाल ही पैदा नहीं होता। क्योंकि यह फसल ओर नस्ल बचाने का मामला है। किसान आंदोलन को बरकरार रखने के लिए देशभर में किसान महापंचायतों के आयोजन करने का सिलसिला जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि आनेवाली 26 अगस्त को यमुनानगर के कस्बा बिलासपुर व 29 अगस्त को मेवात के नुंह कस्बा में किसान महापंचायत आयोजित की जा रही है। जिनको मुख्य रूप से भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत व राष्ट्रीय महासचिव युद्वबीर सिंह सहरावत सहित कई बड़े किसान नेता संबोधित करने आ रहे हैं। किसान महापंचायतों के आयोजनों को लेकर किसानों में भारी उत्साह है। भाकियू प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने गांव गढ़ी गुजरान स्थित जनरल चौपाल में आयोजित की गई किसान पंचायत को संबोधित करते हुए भाजपा सरकार की जमकर आलोचना की। किसान पंचायत की अध्यक्षता हलका इंद्री के प्रधान दिलावर सिंह डबकोली ने की। इस दौरान किसानों ने किसान मजदूर विरोधी होंने का आरोप लगाकर भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अपनी भड़ास निकाली। किसान नेता रतनमान ने कहा कि इन कानूनों को खत्म करवाने के लिए हर किसान को कुर्बानी देने के लिए तैयार हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पता नहीं सरकार की हठधर्मिता के चलते किसान आंदोलन कितना लंबा चल सकता है। लेकिन कानून खत्म करवा कर ही दम लेंगे। इस अवसर पर प्रदेश संगठन सचिव श्याम सिंह मान, कुरूक्षेत्र जिला प्रभारी नेकी राम गढ़ी बीरबल, प्रचार मंत्री सतबीर सिंह मढ़ान, हलकाध्यक्ष दिलावर सिंह डबकोली, युवा जिलाध्यक्ष नरेंद्र सिंह धूमसी, संजीव चहल, बलराम चहल, सोनू, रविन्द्र चहल, लखबीर सिंह संधू, रमेश बिलम,सहिल चहल, जयबीर चहल सहित काफी संख्या में किसान मौजूद थे।
फोटो कैपशन 17 केएनएल-4