जल की प्रत्येक बूंद का अधिक से अधिक फसल लेने को हो रहा इस्तेमाल

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आज समाज डिजिटल, रिकांगपिओ:
जल की प्रत्येक बूंद से अधिक से अधिक फसल लेने के लिए हिमाचल सरकार द्वारा वर्ष 2016-17 से पूरे प्रदेश सहित किन्नौर में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना चलाई जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य नए जल स्त्रोतों का निर्माण, जीर्ण जल स्त्रोतों का पुन:उत्थान और पुनरुद्धार, जल संचयन व भंडारन अवसंरचनाओं टैंक का निर्माण, सिंचाई जल वितरण नेटवर्क व परिवहन को जल पाइप के माध्यम से प्रभावी बनाना, ट्यूब वेल, डग वेल का निर्माण करना व खेतों तथा फार्म में सिंचाई जल का प्रभावी उपयोग करने के लिए ड्रिप व रेनगन फव्वारे उपयोगी उपकरणों को प्रोत्साहित कर किसानों को लाभान्वित करना है। किन्नौर में इस योजना के तहत 26 हैक्टेयर भूमि सिंचित की जा चुकी है, जिससे 150 से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं।
उपमंडलीय भू सरंक्षण अधिकारी रिकांगपिओ डॉ. दिनेश चन्द्र का कहना है कि योजना पर अब तक 85.73 लाख रुपए व्यय किए जा चुके हैं। जिले के कल्पा विकास खंड की तेलंगी पंचायत के किसानों व अन्य लोगों का कहना है कि वर्ष 2017-18 से पहले उन्हें अपने खेतों में सिंचाई सुविधा न होने के कारण कठिनाई का सामना करना पड़ता था, परंतु कृषि विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 में उनके गांव के लिए इस योजना का निर्माण किया गया, जिससे आज उनके खेतों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो रही है। सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होने से गांव वासियों द्वारा अपने खेतों में पारंपरिक फसलों सहित अब नगदी फसलें मटर, राजमाह व अन्य सब्जियां भी उगाई जा रही हैं, जिससे ग्राम वासियों की आर्थिकी सुदृढ़ हो रही है।
वहीं, कल्पा विकास खंड के ही पांगी गांव के किसान अजीत सिंह का कहना है कि योजना के माध्यम से उन्होंने अपने खेतों में फवारा प्रणाली लगाई है, जिससे वे अब अपने खेतों की सिंचाई कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे सिंचाई में पानी कम मात्रा में प्रयोग होता है और पानी की एक-एक बूंद का सही प्रकार से उपयोग सुनिश्चित हो रहा है।
सांगला तहसील की सापनी पंचायत के किसान छेरिंग ग्यालसन व अन्य ग्रामीणों का कहना है कि वर्ष 2019-20 में इस योजना के माध्यम से उन्होंने अपने खेतों में सिंचाई के लिए एक योजना बनाई और आज उनके खेतों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध है, जिससे जहां पहले की तुलना में पैदावार बढ़ी है वहीं किसानों को अब अपनी फसल से और अधिक आमदनी सुनिश्चित हुई है।