Eventually the media got the freedom to go to the victim’s house in Hathras: आखिरकार मीडिया को हाथरस में पीड़ित के घर तक जाने की आजादी मिली,परिवार की मांग, सच्चाई से होनी चाहिए जांच

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हाथरस की पीड़िता के साथ हुए दर्दनाक व्यवहार के बाद से ही न्याय की गुहार लगाईजा रही है। यूपी पुलिस ने पूरे गांव को छावनी में तबदील कर दिया था। किसी को भी गांव में आने जाने नहीं दिया जा रहा था। खास तौर पर गांव मेंमीडिया की एंट्री बंद कर दी गई थी। अब थोड़ी देर पहले ही मीडिया को पीड़िता के घर तक जाने की आजादी दे दी गई।

-पीड़िता की मां अपनी बेटी का मुंह नहीं देख पाने के दुख के साथ मीडियोको बता रही थी कि मेरी बेटी की मट्टी नहीं दी इन लोगों ने। हमेंन्याय चाहिए। मां ने कहा कि हम चाहते हैं सुप्रीम कार्ट के जज इस मामले की जांच करें और हमें न्याय मिले। परिवार ने कल किसी एसआईटी टीम के आने से इनकार किया।

परिजन बोले- हम सीबीआई जांच नहीं चाहते, बस जांच सही हो।

– पीड़िता की भाभी बोलीं- हम तो सब सच बोल रहे हैं हमारा नार्को टेस्ट क्यों ?

– पीड़िता के परिजन बोले- यहां तो नेता अपनी राजनीति करने आ रहे हैं।

-यूपी कांग्रगेस प्रमुख अजय कुमाल लल्लू ने कहा कि कि उन्हें नजरबंद कर दिया गया है। उन्होंने योगी सरकार पर आरोप लगाए कि वह क्या छुपाने का प्रयास कर रहे हैं। वह किसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं? उत्तर प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। मीडिया को तो पीड़िता के घर तक जाने की इजाजत दे दी गई है। लेकिन अभी भी धारा 144 लागू है। योगी सरकार के राज में अराजकता का माहौल है।

 

  • राहुल गांधी का ट्वीट : दुनिया की कोई भी ताक़त मुझे हाथरस के इस दुखी परिवार से मिलकर उनका दर्द बांटने से नहीं रोक सकती