नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को एनडीए की 137 वें कोर्स की पासिंग आउट परेड का रिव्यू किया और कहा कि मैं आज भारत की डिफेंस फोर्स की गौरवशाली परम्परा में एक नई कड़ी को जुड़ते हुए अपनी आंखों के सामने देख रहा हूं। उन्होंने कहा कि दुनिया का इतिहास हमें यह बताता और सिखाता है कि जो देश सुरक्षा से जुड़े गतिशील जोखिम और चुनौतियों के अनुरूप खुद को तैयार नहीं करतें, वे खुद के पैरों पर कुल्हाड़ी मारने का काम करते है। इसलिए जहां हमें बीसवीं शताब्दी में पैदा हुए और फले फूले आतंकवाद से निपटने के लिए खुद को तैयार रखना है, वहीं इक्कीसवीं शताब्दी के नये खतरों का भी मुकाबला करना हैं जिनमें साइबर खतरे और नफरत से भरी विचारधाराओं के विस्तार का मुकाबला करना शामिल है। आगे कहा कि हमारे देश के सैनिकों ने अपने खून-पसीनें से इस भारत की रक्षा की है।
इसलिए आज का यह अवसर उन सभी सैनिकों को भी याद करने का है जिन्होंने इस देश में अपनी सेवा, त्याग और बलिदान से भारत में एक पराक्रमी सैन्य परम्परा का निर्माण किया है।रक्षा मंत्री ने कहा कि हम अपनी क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता तथा लोगों की सुरक्षा के लिए हमेशा मुस्तैद तथा तत्पर हैं। इसलिए जब कोई देश अपनी धरती पर आतंकवादी कैंप चलाता है, या भारत पर हमला करने की साजिश रचता है तो उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाता है। उन्होंने कहा कि मेरे लिए देश की भविष्य की सेना के लीडरशिप से रूबरू होना एक सुखद अनुभूति है। आज का यह दिन 137वें कोर्स को पूरा करने वाले कैडेट का दिन है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के रूप छद्म युद्ध का रास्ता चुना है मगर आज मैं इस बात को पूरी जिम्मेदारी के साथ कह सकता हूं कि इस छद्म युद्ध में भी पाकिस्तान को शिकस्त के अलावा कुछ हाथ नही लगेगा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की मारक क्षमता का सबसे बड़ा श्रेय किसी किसी को जाता है तो भारतीय सेना को जाता है।