नई दिल्ली। कोरोना ने अपनी गिरफ्त में लाखों को लिया। पूरी दुनिया को कोरोना संक्रमण ने हिला कर रख दिया। इसकी तीव्रता और घातक प्रकृति के कारण दुनियाभर में इस वायरस से निजात पाने के लिए तमाम उपाय किए जा रहेहैं। आधी से ज्यादा दुनिया एक समय पर इस वायरस की चपेट मेंहोने केकारण पूरी तरह बंद कर दी गई थी। अब इस वायरस से बचनेके लिए वैक्सीनिेशन पर जोर दिया जा रहा है लेकिन इस वायरस में म्यूटेशन होने केकारण अब इसका डेल्टा प्लस वैरिएंट ज्यादा खतरनाक है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने अब भारत में किया गया अध्ययन जारी किया। जिसमें कहा गया है कि वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद 76 फीसदी लोग कोरोना की चपेट में आ गए। इनमें से केवल 16 फीसदी बिना लक्षण के थे और 10 प्रतिशत लोग अस्पतालों में भर्ती हुए। आईसीएमआर ने कोविशील्ड और कोवाक्सिन पर चल रही चर्चा पर भी स्पष्ट किया कि कोविशील्ड लेने वालों में अधिक एंटीबॉडी बन रही हैं जबकि कोवाक्सिन लेने वालों में एंटीबॉडी 77 प्रतिशत बन रही है। मेडिकल जर्नल रिसर्च स्कवायर में प्रकाशित स्टडी के अनुसार आईसीएमआर के भुवनेश्वर स्थित लैब मेंदेश भर से आए 361 लोगों के सैंपल जांच किए गए।