- ईटीपीबीएस व पोस्टल बैलेट की गणना बहुत ही महत्वपूर्ण काम : उपायुक्त मोनिका गुप्ता
- मतगणना अधिकारियों को प्रोजेक्टर के जरिए समझाई प्रकिया
- प्रजातांत्रिक व्यवस्था में मतों की गणना में सटीकता, ईमानदारी और पारदर्शिता सबसे पहली शर्त : डीसी
Aaj Samaj (आज समाज),ETPBS And Postal Ballots, नीरज कौशिक, नारनौल: भिवानी-महेंद्रगढ़ संसदीय क्षेत्र की रिटर्निंग ऑफिसर एवं उपायुक्त मोनिका गुप्ता (आईएएस) ने कहा कि ईटीपीबीएस व पोस्टल बैलेट की गणना बहुत ही महत्वपूर्ण काम होता है। यह कार्य पूरी शुद्धता के साथ किया जाना है। ऐसे में अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि मतगणना की पूरी प्रक्रिया को अच्छी तरह से समझें। इस मामले में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उपायुक्त आज पंचायत भवन में मतगणना अधिकारियों के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में संबोधित कर रही थी।
डीसी ने कहा कि किसी भी प्रजातांत्रिक व्यवस्था में मतों की गणना में सटीकता, ईमानदारी और पारदर्शिता सबसे पहली शर्त होती है। भारत निर्वाचन आयोग ने बहुत ही बेहतरीन नियम बनाए हैं जिनके तहत हमें कार्य करना है। सभी मतगणना अधिकारियों को गोपनीयता को बरकरार रखनी है।
उपायुक्त ने बताया कि ईटीपीबीएस व पोस्टल बैलेट की गणना भी चार जून को सुबह 8 बजे शुरू होगी। यह कार्य ओलंपिक क्लब हाल में होगा। जिला प्रशासन द्वारा सभी प्रकार की तैयारियां की जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि भिवानी-महेंद्रगढ़ संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के सभी 9 विधानसभा क्षेत्रों के ईटीपीबीएस व पोस्टल बैलेट की गणना ओलंपिक क्लब हाल नारनौल में होगी।
उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए कुल 90 टेबल लगाए जाएंगे। इनमें 60 टेबल ईटीपीबीएस की स्कैनिंग के लिए तथा 30 टेबल पोस्टल बैलेट की गणना के लिए लगेंगे। साथ ही ईटीपीबीएस की प्रत्येक टेबल पर एक उच्च गुणवत्ता का स्कैनर लगाया जाएगा। हर दस स्कैनर पर एक सहायक रिटर्निंग अधिकारी (एआरओ) स्कैनिंग लगाए जाएंगे।
मतपत्रों की गिनती के लिए प्रत्येक टेबल पर एक सहायक रिटर्निंग ऑफिसर, एक गणना पर्यवेक्षक, दो गणना सहायक और एक माइक्रो पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।
इस मौके पर नांगल चौधरी के एसडीएम व पोस्टल बैलेट नोडल इंचार्ज मयंक भारद्वाज तथा नगराधीश मंजीत सिंह के अलावा अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
क्या है ईटीपीबीएस
नारनौल। इलेक्ट्रॉनिक रुप से प्रेषित डाक मतपत्र प्रणाली (ईटीपीबीएस) सर्विस वोटर्स के उपयोग के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सी-डेक की सहायता से तैयार की गई है। यह एक पूरी तरह से सुरक्षित प्रणाली है। इसमें दो स्तर की सुरक्षा है। विशिष्ट क्यूआर कोड होने के कारण डाले गए इलेक्ट्रॉनिक रुप से प्रेषित डाक मतपत्र (ईटीपीबी) का कोई डुप्लिकेशन संभव नहीं है। यह प्रणाली पात्र सेवा मतदाताओं को अपने निर्वाचन क्षेत्र से बाहर कहीं से भी इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्त डाक मतपत्र का उपयोग करते हुए अपना मत डालने में सक्षम बनाती है।
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