प्रभजीत सिंह लक्की, यमुनानगर :
संसार में इस समय सब से ज्यादा अगर किसी चीज की कमी है तो वह है मन की शांति व परिवारों में दिन-रात आपसी कलेश। सभी भोतिक वस्तुओं के होने पर भी खाली-खाली सा लगता है। इसके मद्देनजर सुप्रसिध्द शिक्षाविद डा. एम के सहगल ने अंतर्राष्ट्रीय शांति व मानवतावादी संसथान (वर्ल्ड पीस एंड हुमानिटरियन फाउंडेशन) की स्थापना की। गत दिवस इसकी पहली मीटिंग का श्री सिद्धिविनायक संस्थान शाहपुर-बिलासपुर में आयोजन किया गया जिसमे डा सहगल ने बताया कि हमेशा सांसारिक वस्तुओ में भटकने की बजाये जीवन को खुशहाल बनाने के लिए मन की शांति पर बल देना चाहिए। हर जिले व क्षेत्र में हर रोज लड़ाई-झगडे व अशांति बढ़ती जा रही है, विश्व में भी विभिन्न देशो का यही हाल है। कोरोना काल में भी परिवारों ने अपने अंदर का हाल देखा तो है पर अभी भी हकीकत को सही से समझे नहीं! इसलिए अब हमारे विचारों व सोच में बहुत बड़े बदलाव की जरूरत है। हमारा भारत देश शुरू से ही शांति का प्रचारक रहा है व यहां बड़े-बड़े महात्मा, संत इसके लिए प्रयासरत है।उन्होंने बताया कि पुरे विश्व से इसमें कोई भी जुड़कर शांति की प्राप्ति के लिये तन-मन से योगदान दें सकता है।इसमें सभी को शांति व परिवारों को जोड़ने का प्रयास करना होगा, बच्चो को शुरू से ही संस्कारवन शिक्षा देनी होगी। इसमें सर्वसहमति से समिति का गठन किया जायेगा जो अपने-अपने क्षेत्रो में शांति को बढ़ाने के लिए थानों, कोर्ट आदि में भी विवादों को कम करने के लिए प्रयासरत रहेगी। इसके अलावा स्कूलों में भी विभिन्न काउंसलिंग सत्र आयोजित किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि इसमें पोर्टल बना कर इच्छुक लोगों को जोड़ कर जल्द ही इसकी कार्यसमिति भी बनाई जाएगी जो देश के विभिन्न क्षेत्रों में काम करेगी। मीटिंग में डा. रजनी सहगल, आर. सी. शर्मा, गगन बजाज, दीपक शर्मा, रवेल गुजराल, डा. जी. बी. गुप्ता, नवीन नंदा, रजनी, हरि ओम् वर्मा, ममता बतरा, सुनील, शेली, अमित, कुलजीत, शौकत मोजूद रहे।
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