EPFO Update : EPF वेबसाइट और फॉर्म 13 में अपडेट: हाल ही में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कई तरह के बदलाव किये है जिसका फायदा लाखो कर्मचारियों को मिलने वाला है। EPFO ने PF से सम्भंदित बदलाव किया है जिससे PF की राशि और ब्याज की जानकारी पाना पहले से ज्यादा तेज और आसान हो गया है। EPFO ​​ने फॉर्म 13 को अपडेट किया है इसके अलावा अब फॉर्म 13 में PF का टैक्सेबल और नॉन टैक्सेबल ब्याज अलग-अलग दिखाया जाएगा।

नया फॉर्म 13 और PF ट्रांसफर प्रक्रिया में सुधार

EPFO ने फॉर्म 13 का नया वर्जन लॉन्च किया है, जिससे नौकरी बदलने पर EPF अकाउंट ट्रांसफर करना आसान हो गया है। पहले PF ट्रांसफर के लिए कर्मचारी को दोनों ऑफिस से मंजूरी लेनी पड़ती थी, जिससे प्रक्रिया में देरी होती थी। लेकिन अब नई व्यवस्था लागू होने के बाद पुराने ऑफिस (ट्रांसफर ऑफिस) से ट्रांसफर को मंजूरी मिलते ही PF की रकम अपने आप नए ऑफिस (ट्रांसफोर्स ऑफिस) में ट्रांसफर हो जाएगी। इससे न सिर्फ समय की बचत होगी बल्कि कर्मचारियों की परेशानी भी कम होगी।

जमा ब्याज को दो भागों में स्पष्ट रूप से दर्शाया जाएगा

नए फॉर्म 13 में एक और अहम बदलाव किया गया है। अब पीएफ खाते में जमा ब्याज को दो भागों में स्पष्ट रूप से दर्शाया जाएगा-करयोग्य और गैर-करयोग्य। इससे ईपीएफओ और उसके सदस्यों दोनों के लिए टैक्स संबंधी प्रक्रिया आसान हो जाएगी। करयोग्य ब्याज पर सही तरीके से टीडीएस काटा जा सकेगा, जिससे बाद में टैक्स फाइल करते समय किसी तरह की गड़बड़ी की संभावना कम हो जाएगी।

ईपीएफओ की वेबसाइट में सुधार

ईपीएफओ ने अपनी वेबसाइट पर भी कई सुधार किए हैं, जिससे ऑटो-सेटलमेंट जैसे काम और भी तेजी से हो सकेंगे। इससे उन सदस्यों को भी फायदा होगा जो अपने पीएफ क्लेम का समय पर निपटान करना चाहते हैं। पहले तकनीकी कारणों से क्लेम में देरी होती थी, लेकिन नए सुधारों के बाद यह प्रक्रिया पहले से आसान और बेहतर होगी।

यूएएन जेनरेट करने की सुविधा शुरू

ईपीएफओ ने कुछ परिस्थितियों में बिना आधार के भी बल्क में यूएएन जेनरेट करने की सुविधा शुरू की है। यह सुविधा खास तौर पर उन सदस्यों के लिए फायदेमंद होगी जो ऐसे पीएफ ट्रस्टों से जुड़े रहे हैं, जिनका अब ईपीएफओ में विलय हो चुका है या जिनकी छूट रद्द हो चुकी है।

इसके अलावा रिकवरी या कानूनी कार्यवाही के दौरान, पुराने पीएफ जमा को ईपीएफओ में ट्रांसफर करने के मामलों में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। हालांकि, बिना आधार (Aadhaar) के बने यूएएन को शुरुआत में फ्रीज कर दिया जाएगा और आधार से लिंक होने के बाद ही उसे पूरी तरह से एक्टिवेट किया जाएगा। इससे सदस्यों के खातों की सुरक्षा बेहतर होगी।

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