तेनाली रामा का नाटक Tenali Rama’s Play

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Tenali Rama's Play

आज समाज डिजिटल, अम्बाला:
Tenali Rama’s Play : एक बार राजदरबार में तेनाली रमन को नींद आ रही थी। जब राजा कृष्णदेव राय ने देखा तो उन्होंने तेनाली रमन से कहा की यह राजदरबार है तुम्हारा घर नहीं है। तुम इस सभा की बेइज्जती कर रहे हो। तुम्हारी सजा यह है की तुमको कुछ दिनों के लिए दरबार से निकाला जाता है। (Tenali Rama’s Play)

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आज सुबह जब वह नदी में स्नान करने के लिए गया

Tenali Rama’s Play : जब तेनाली रमन ने सुना तो वह चुपचाप वहाँ से चले गए जैसे कुछ हुआ ही न हो। इस पर एक मंत्री ने राजा को कहा की देखा महाराज आपने तेनाली रमन के तेवर उसको इस बात से कोई फर्क ही नहीं पड़ता। राजा ने इस बात पर सहमति जताई। कुछ दिनों बाद एक ब्राह्मण लड़का दरबार में आया।

Tenali Rama’s Play : वह राजा से बोला महाराज कुछ दिन पहले तेनाली रमन नाम का आपका मंत्री हमारे आश्रम में रहने के लिए आया। हमारे गुरु जी की इजाजत से वह आश्रम में ही रहने लगा। किन्तु आज सुबह जब वह नदी में स्नान करने के लिए गया तो उसका पैर फिसल गया जिससे वह नदी में डूब गया। हमारे गुरूजी ने उसको बचाने की कोशिश की लेकिन बचा नहीं सके। नदी से उसका शरीर भी नहीं मिला।

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लड़का राजा को आश्रम में लेकर गया Tenali Rama’s Play

यह बात सुनकर राजा भावुक हो गए और बोले मेरा अच्छा मित्र नदी में डूब गया। दरबार में मौजूद मंत्री भी इस बात पर शोक करने लगे। राजा ने ब्राह्मण लड़के से कहा की मुझे तुम्हारे गुरु जी से मिलना है। जिसने मेरे तेनाली रमन को अंतिम दिनों में आश्रम में सहारा दिया।

Tenali Rama’s Play : इसके बाद लड़का राजा को आश्रम में लेकर गया। वहाँ पर लड़के के गुरु अपने आसान पर बैठे थे। राजा ने गुरु जी से सारी बात पूछी। उन्होंने गुरु जी से कहा की क्या आप मुझे उस जगह ले जा सकते है जहाँ पर फिसल कर तेनाली डूब गया था।

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राजा ने आँखे कुछ समय के लिए बंद की Tenali Rama’s Play

गुरु जी ने कहा की तुम उस जगह को क्यों देखना चाहते हो यदि तुम चाहो तो मै तुम्हे तेनाली रामा से मिलवा सकता हूँ। इसके लिए तुमको अपनी आँखे बंद करनी होंगी। राजा ने आँखे कुछ समय के लिए बंद की जब उन्होंने आँखे खोली तो तेनाली रमन को अपने सामने पाया। राजा ने तेनाली रमन को गले लगा लिया और बात की। राजा ने तेनाली से पूछा गुरु जी कहाँ गए। (Tenali Rama’s Play)

गुरू जी हूँ और मै ही तेनाली  Tenali Rama’s Play

तेनाली रमन ने कहा की मै ही गुरू जी हूँ और मै ही तेनाली। इसके बाद राजा को तेनाली रमन के नाटक का पता चल चूका था। लेकिन राजा तेनाली रमन को पाकर बहुत खुश थे। (Tenali Rama’s Play)

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