नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को गुजरात केकच्छ पहुंचे। उन्होंने यहांदुनिया के सबसे बड़े रिन्यूएबल एनर्जी पार्क (नवीकरणीय ऊर्जा पार्क) का शिलान्यास किया। साथ ही उन्होंने मांडवी में डिसैलिनेशन प्लांट की भी आधारशिला रखी। भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के करीब यह एनर्जी पार्क बनने वाला है। यह पार्क 72 हजार से अधिक हेक्टेयर जमीन पर फैला होगा। इसकी लंबाई चौड़ाई लगभग सिंगापुर और बहरीन जैसे देशों के बराबर होगी। अगर इसकी तुलना दिल्ली से की जाए तो यह लगभग आधी दिल्ली केबराबर की जगह है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली 148,400 हेक्टेयर में फैली है और इसके लगभग आधे भाग के बराबर यह एनर्जीपार्क का निर्माण होगा। से लगभग आधा होगा। गुजरात सरकार ने भुज से 72 किलोमीटर उत्तर की ओर खावड़ा में बंजर जमीन एनर्जी पार्क बनाने के लिए मुहैया करवाई है। अप्रैल, 2020 में रक्षा मंत्रालय ने 72,600 हेक्टेयर जमीन पर पार्क बनाने के लिए हरी झंडी दी थी। 30,000 मेगावाट के इस एनर्जी पार्क में सौर पैनल और विंडमिल की मदद से बिजली पैदा की जाएगी। रिन्यूएबल एनर्जी पार्क दो भागोंमें बंटा हुआ होगा। पहला- 49,600 हेक्टेयर हाइब्रिड पार्क जोन होगा, जिसमें 24,800 मेगावॉट के विंड और सोलर पावर प्लांट्स होंगे, जबकि दूसरा विंड पार्क होगा, जोकि 23 हजार हेक्टेयर जमीन पर बना होगा। भारत-पाकिस्तान के बॉर्डर के एक दम नजदीक बनने वाला यह प्रोजेक्ट खावड़ा गांव और विघाकोट के बीच में है। खावड़ा से प्रोजेक्ट साइट की दूरी लगभग 25 किलोमीटर की है। यह वह आखिरी छोर है, जहां पर किसी नागरिक को जाने की अनुमति है।