Aaj Samaj (आज समाज), Elon Musk On India, न्यूयॉर्क: दुनिया की सबसे अमीर हस्तियों में शुमार एलन मस्क ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत की स्थायी सदस्यता की वकालत की है। उन्होंने कहा है कि भारत धरती पर सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश है, इसके बावजूद वह यूएनएससी में नहीं है। ऐसा न होना बेतुका है। एलन मस्क ने कहा, एक वक्त के बाद संयुक्त राष्ट्र की संस्थाओं को बदलने की जरूरत है। मस्क ने अफ्रीका के लिए भी यूएनएससी में परमानेंट सीट की मांग की है।
अफ्रीका के नेतृत्व के लिए यूएनएससी में कोई नहीं
टेस्ला व स्पेसएक्स जैसी कंपनियों के मुखिया एलन मस्क ने कहा कि कुछ देशों के पास ज्यादा ताकत है, जिसे वे छोड़ना नहीं चाहते हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटरेस के ट्वीट को शेयर कर ये बातें लिखीं। दरअसल, गुटरेस ने कहा था कि अफ्रीका का नेतृत्व करने के लिए यूएनएससी में कोई भी नहीं है। वैश्विक संस्थाओं को समय के मुताबिक बदलना चाहिए। बजाए कि वो 80 साल पहले की दुनिया की तरह चलें।
भारत की जनसंख्या 142 करोड़
142 करोड़ जनसंख्या के साथ भारत दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी का देश है। दुनिया की 17 प्रतिशत आबादी भारत में रहती है। पिछले एक दशक में भारत की औसतन सालाना विकास दर 7 प्रतिशत से ज्यादा रही है। यह चीन के बाद किसी भी दूसरे बड़े देश की तुलना में सबसे ज्यादा है। इस आर्थिक ताकत को यूएनएससी में भारत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
स्थायी तौर पर केवल पांच देश शामिल
बता दें कि यूएनएससी में फिलहाल पांच देश ही स्थायी सदस्यों के रूप में शामिल हैं। इनमें अमेरिका, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस व रूस शामिल हैं। इनमें चीन के अलावा बाकी चार देश भारत का समर्थन करने को तैयार हैं। चीन नहीं चाहता कि यूएन की सबसे ताकतवर बॉडी पर भारत को एंट्री मिले। यूएनएससी में कोई भी प्रस्ताव पारित करने के लिए सभी 5 स्थायी देशों का समर्थन जरूरी है। फ्रांस, अमेरिका, रूस और ब्रिटेन अपनी सहमति जता चुके हैं, लेकिन चीन अलग-अलग बहानों से भारत की स्थायी सदस्यता का विरोध करता रहा है। जबकि भारत ने वठरउ में चीन के परमानेंट मेंबर बनने का समर्थन किया था।
1945 में हुई थी यूएनएससी की स्थापना
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के छह प्रमुख अंगों में से एक है। इसकी स्थापना 24 अक्टूबर 1945 को हुई थी। इस पर अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने, महासभा में संयुक्त राष्ट्र के नए सदस्यों के प्रवेश की सिफारिश करने और संयुक्त राष्ट्र में किसी भी बदलाव को मंजूरी देने की जिम्मेदारी है।
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