उपचुनाव को लेकर नहीं दिख रहा किसी तरह का उत्साह
पवन शर्मा, चंडीगढ़:
Ellenabad by Poll हलके में उपचुनाव जरूर है मगर वोटरों के बीच इसको लेकर कोई उत्साह नजर नहीं आता। लोग किसी की हार जीत पर बातचीत करने में भी कोई रूचि नहीं लेते। हां किसान आंदोलन व किसानी की चर्चा जरूर करते हैं। पूरे हल्के में चुनावी माहौल के बीच पार्टियों का तो झंडा नजर नहीं आता है मगर किसानों यूनियन का झंडा जरूर दिखाई देता है। मगर सबसे बड़ी बात यह है कि इस पूरी खामोशी के बीच अंडर करंट जरूर नजर आता है।
Ellenabad by Poll जुबां पर आ गया किसानों का दर्द
हलके के बड़े गांव कागदाना में हुक्के पर बैठे रामफल ठेठ बागड़ी बोली में बताते हैं कि की न वोट दे लो काम तो किमी कोनी हों, सगली पार्टी और सगले नेता एकसे हैं आज के टेम में। मगर साथ में बैठे रमेश बात को बीच में काटते हैं और कहते हैं कि जो किसान को भलो करेगा उनीं ही वोट देंयाग्यां। मोदी जे किसानां त बात कर ले तो के ठीक हो ज्या। मामला निपट ज्यागो। लोग अपना अपना घरां आज्यांगा।
गांवों में किसानों की जुंबा पर समय पर फसल की गिरदावरी नहीं होने व बाजरे की मंडी में खरीद नहीं का बेपनाह खामोश दर्द भी बहुत कुछ आक्रोश का संकेत तो करता है मगर जाहिर तौर पर लोग मुखरता से कोई कुछ नहीं बोलता।
Ellenabad by Poll बेमौसमी बरसात से फसलें तबाह
लोगों को बेमौसमी बरसात के कारण कपास की फसल में काफी नुकसान हुआ है। इस बात की भी लोगों की मांग है कि सही गिरदावरी हो और मुआवजा मिले। गांव बरासी, रामपुरिया, रूपावास, शाहपुरिया, रामपुरा बगड़िया, जोगीवाला, चाहरवाला, गुड़ियाखेड़ा व जमाल के लोगों का कहना है बाजरे की खराब माट्?टी होगी साहब। किमी कोनी मिल्या इबी तक। मुख्यमंत्री अठ्य आवे तो उन्हे किमी बतावांगा। तेल की लगातार बढ़ रहे दाम भी लोगों को परेशान कर रहे हैं।
Ellenabad by Poll सभी पार्टियों बारे खुलकर विचार कर रहे
जब लोगों से देवीलाल परिवार के बारे में पूछते हैं तो कहते हैं इलाका तो उन्हीं का है पर भाजपा व कांग्रेस भी कम नहीं हैं। भाजपा उम्मीदवार को वोट मांगने का हक है उसका गांवों में घुसने पर विरोध करना गलत है। कांग्रेस उम्मीदवार पवन बेनीवाल की अगर उसका चाचा मदद करेगा तो मुकाबला रोचक जरूर होगा। बाकी इनेलो उम्मीदवार के प्रति लोग का कहना है कि विधानसभा से अभय चौटाला ने त्यागपत्र देकर वास्तव में हिम्मत दिखाई थी।
Ellenabad by Poll चुनाव में जातीय समीकरण भी अहम
लोग इस बात से भी इंकार नहीं करते कि चुनाव में जातीय समीकरण भी काफी प्रभाव डालेंगे। गांव जोगीवाला के बलबीर कहते हैं कि चुनाव कोई भी हो उसमें जातिय समीकरण जरूर बनता है। इस बार भी बनेगा। नतीजा शायद प्रभावित न हो मगर वोट प्रतिशत में बदलाव जरूर नजर आएगा। ऐलनाबाद में सबसे अधिक वोट जाटों के 37 प्रतिशत हैं। इसके बाद जट सिख भी सात प्रतिशत है।
ब्राह्मण वोट तीन प्रतिशत तो बीसी वोट का प्रतिशत 20 प्रतिशत के लगभग है। जाहिर है, यहां के खामोश मतदाताओं के बीच कोई अंडर करंट है, जो साफ महसूस हो रहा है। 30 अक्टुबर को होने वाले मतदान में यह किस रूप में व्यक्त होगा यह देखने वाली बात होगी। प्रत्याशी अपनी अपनी जीत के सौ तरह के दावे कर रहे हैं, मगर यह सब अब ऐलनाबाद के वोटर ही निर्धारित करेंगे कि जीत का ताज किसके सिर सजेगा।
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