Sirsa News (आज समाज) सिरसा: हरियाणा के सिरसा में भ्रष्टाचार के मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय ने बिजली निगम के निजी ठेकेदार व जेई और लाइनमैन को दोषी करार देते हुए तीन साल कैद व 30 हजार रुपये जुमार्ने की सजा सुनाई है। जुर्माना न भरने पर तीन माह अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। इस मामले में थाना नाथूसरी चौपटा पुलिस ने मई 2017 में एफआईआर दर्ज की थी। आरोपी ठेकेदार सुरजीत की मौत हो चुकी है। मामले के कई शिकायतकर्ता थे, जिनका आरोप था कि बिजली निगम के ठेकेदार गांव शाहपुरिया निवासी सुरजीत, उसका पुत्र जयवीर, नाथूसरी कलां निवासी जेई लीलाधर व फतेहाबाद के ढाबी खुर्द निवासी लाइनमैन रणजीत सिंह ने ट्यूबवेल का बिजली कनेक्शन लगाने के नाम पर लाखों रुपये वसूल कर लिए और अवैध कनेक्शन लगा दिया। पुलिस को दी शिकायत में रुपावास निवासी सुनील कुमार ने बताया था कि वह खेत में ट्यूबवेल का बिजली कनेक्शन करवाने के लिए जून 2016 में बिजली निगम नाथूसरी चौपटा के कार्यालय में गया था। यहां एसडीओ ने कहा कि तुरंत कनेक्शन लेने के लिए सरकार द्वारा ठेकेदार को टेंडर दिए जाते हैं। इसके बाद एसडीओ ने ठेकेदार सुरजीत को बुलाया और कहा कि ये निगम की ओर से तुम्हारे इलाके का ठेकेदार है। कनेक्शन का जितना खर्चा आएगा बता देगा। इसके बाद ठेकेदार सुरजीत ने कनेक्शन की एवज में 2 लाख 40 हजार रुपये मांगे और 20 दिन में लगाने की बात कही। सुनील ने ठेकेदार सुरजीत को एक लाख रुपये नकद दे दिए। कनेक्शन के बाद सुनील ने ठेकेदार सुरजीत व बिजली कर्मचारियों को शेष एक लाख 40 हजार रुपये दे दिए। उन्होंने रसीद भी उपलब्ध करवा दी। 31 मार्च 2017 को विजिलेंस की टीम व बिजली निगम के कर्मचारी सुनील के खेत में पहुंचे। टीम ने कहा कि आपका ट्यूबवेल कनेक्शन अवैध होने की शिकायत मिली है, लेकिन आपका सारा सामान सरकारी है। इसके बाद विजिलेंस ने जांच की तो निगम के सरकारी रिकॉर्ड में ये कनेक्शन दर्ज नहीं मिला। सुनील की तरह ही कई किसानों के ट्यूबवेल के बिजली कनेक्शन अवैध मिले। इसके बाद पुलिस ने ठेकेदार सुरजीत, उसके पुत्र ठेकेदार जयवीर, लाइनमैन रणजीत सिंह और जेई लीलाधर के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।