किसान को फर्जी ट्यूबवेल कनेक्शन देने के मामले में बिजली निगम एसडीओ व 2 जेई दोषी करार

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Electricity Corporation SDO and 2 JE convicted for giving fake tubewell connection to farmer

जिला एवं सत्र न्यायालय 10 अगस्त को सुनाएगा सजा, कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने दर्ज की थी एफआईआर

सिरसा:

ट्यूबवेल कनेक्शन के नाम पर भ्रष्टाचार के मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय ने बिजली निगम के आरोपी तत्काली एसडीओ पंकज गंडा,जेई जंटा सिंह,बलकरण सिंह व ठेकेदार राज सिंह को दोषी करार देकर सजा का फैसला 10 अगस्त तक सुरक्षित रख लिया है। दोषियों के खिलाफ कोर्ट के निर्देश पर कालांवाली थाना पुलिस ने 28 मार्च 2019 में एफआईआर दर्ज की थी। इसमें पुलिस ने शिकायतकर्ता इकबाल सिंह निवासी गांव जगमालवाली के बयान दर्ज किए। बता दें कि तत्कालीन एसडीओ पंकज गंडा के खिलाफ ट्यूबवेल कनेक्शन के नाम पर करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार करने आरोप में कई एफआईआर दर्ज हैं।

 

दोषी पंकज गंडा के खिलाफ फर्जी ट्यूबवेल कनेक्शन देकर लाखों रुपये हड़पने के आरोप में दर्ज हैं कई एफआईआर

मामले के अनुसार किसान इकबाल सिंह ने अपने खेत में ट्यूबवेल का कनेक्शन लेना था। उसने बिजली निगम के कालांवाली केंद्र में आवेदन किया। एसडीओ पंकज गंडा और ठेकेदार राज सिंह ने उससे सेल्फ स्कीम के तहत लाइन,खंभे और ट्रांसफार्मर के लिए एक लाख 20 हजार रुपये लिए। इसके बाद एसडीओ पंकज गंडा,जेई जंटा सिंह व बलकरण सिंह ने उसे विभाग द्वारा जारी किए गए पत्रों की प्रतियां दीं और कहा कि जल्द कनेक्शन जारी हो जाएगा। कुछ दिनों बाद एसडीएम गंडा,जेई बलकरण व जंटा सिंह ने उसे कहा कि खेत में लाइन लाने के लिए कुछ खंभों की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए उससे 30 हजार रुपये मांगे। इकबाल ने 30 हजार रुपये दे दिए। इसके बाद इकबाल ने रसीद मांगी तो उक्त अधिकारियों ने कहा कि पहले कनेक्शन जारी होगा फिर रसीद जारी की जाएगी। ट्यूबवेल कनेक्शन होने के बाद इकबाल सिंह ने रसीद मांगी तो अधिकारी टालमटोल करते रहे। पड़ताल करने पर पता चला कि बिजली निगम के पास ट्यूबवेल कनेक्शन का कोई रिकॉर्ड नहीं है। फिर विभागीय अधिकारियों ने कहा कि उसके नाम पर लगा कनेक्शन अवैध है,इसलिए इसे काटा जाएगा। इसके बाद इकबाल सिंह ने डबवाली कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ इस्तगासा दायर कर दिया। 30 मार्च 2016 को कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश कालांवाली थाना पुलिस को दिए। पुलिस ने 28 मार्च 2016 को एफआईआर दर्ज कर दी।