आज समाज डिजिटल, अंबाला:
आज देशभर की जनता की नजरें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव पर अटकी हैं। एक ओर तो राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा चल रही है। दूसरी ओर राजनीति से संबंध रखने वाले या इसमें रुचि रखने वाले की नजरें इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष के उम्मीदवार को ढूंढ रहीं हैं। आईये आज हम इस भी मंथन करते हैं इस मुद्दे पर।
कांग्रेस में एक तरफ राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर हैं, तो दूसरी ओर पार्टी के नए अध्यक्ष को लेकर सियासत गर्म है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ-साथ अध्यक्ष पद के लिए कई नेताओं के नाम चर्चा में हैं। सबके अपने-अपने तर्क हैं। आखिर कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए कौन-कौन चुनाव लड़ सकता है? गांधी परिवार से हटकर किन नेताओं के नामों की सबसे ज्यादा चर्चा है? अध्यक्ष पद के लिए अभी क्या-क्या दांव-पेंच चले जा रहे हैं?
ये है राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव का शेड्यूल
कांग्रेस ने 17 अक्तूबर को अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होना है। 19 अक्तूबर को नतीजे आ जाएंगे। चुनाव के लिए 22 सितंबर को अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। 24 सितंबर से 30 सितंबर तक इसके लिए नामांकन दाखिल किया जा सकेगा। अगर सब कुछ तय कार्यक्रम के तहत हुआ तो 19 अक्तूबर को कांग्रेस का अगला अध्यक्ष मिल जाएगा। नए अध्यक्ष और कांग्रेस में बदलाव को लेकर पार्टी के युवा नेताओं ने एक अभियान शुरू किया है। युवा नेताओं ने एक गूगल फॉर्म जारी किया है। इसमें कांग्रेस के संभावित अध्यक्ष से चार बिंदुओं में कांग्रेस में व्यापक बदलाव का आधार बताया है। इन बदलावों को नए अध्यक्ष के पद ग्रहण करने के 100 दिन के अंदर लागू करने की अपील की गई है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी इन मांगों का समर्थन किया है।
छह राज्यों ने राहुल, एक ने सोनिया को सौंपी जिम्मेदारी
अध्यक्ष पद के लिए ज्यादातर राज्यों की कमेटियों ने राहुल और सोनिया को ही अध्यक्ष बनाने की मांग दोहराई है। सबसे पहले राजस्थान कांग्रेस ने शनिवार को राहुल गांधी को अध्यक्ष पद संभालने की मांग का प्रस्ताव पारित किया। रविवार को छत्तीसगढ़ और गुजरात कांग्रेस ने भी ऐसा ही प्रस्ताव पास किया। इसके बाद सोमवार को बिहार, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश से भी राहुल को समर्थन देने वाला प्रस्ताव पास हो गया। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भी इसको लेकर एक प्रस्ताव पास किया है। इसमें सोनिया गांधी को नया अध्यक्ष चुनने के लिए सहमति दे दी है।
क्या फिर गांधी परिवार के हाथ होगी कमान
इस वक्त कांग्रेस में दो खेमा है। एक दबी जुबान से ये बोल रहा है कि इस बार अध्यक्ष गांधी परिवार से अलग का हो, वहीं दूसरा खेमा ऐसा है जो सोनिया और राहुल गांधी को ही अध्यक्ष बनाना चाहता है। हालांकि, सोनिया गांधी, राहुल गांधी कई बार अध्यक्ष पद से हटने के लिए कह चुके हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं, ‘अगर गांधी परिवार से अलग कोई कांग्रेस की कमान संभालता है तो पार्टी में फूट पड़ने की आशंका है। पार्टी में अभी काफी गुट बन चुके हैं। ये गुट केवल गांधी परिवार के चलते ही एकजुट हो पाते हैं। अगर गांधी परिवार ने पार्टी की बागडोर छोड़ी तो इनका विद्रोह तेज हो जाएगा। पार्टी के भविष्य के लिए ये एक तरह से खतरा है।’
ये हैं राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के दावेदार: अशोक गहलोत
गांधी परिवार के करीबी हैं। गहलोत को अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस एक तीर से दो निशाने लगा सकती है। गहलोत नाराज न हों, इसलिए उन्हें पार्टी की सबसे बड़ी पोस्ट मिल जाएगी और राजस्थान हाथ से न जाए इसके लिए सचिन पायलट को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जा सकता है। हालांकि, गहलोत लगातार अध्यक्ष बनने से इंकार करते रहे हैं। गहलोत नहीं चाहते कि सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया जाए। इसके लिए वह लगातार कोशिश में जुटे हैं।
शशि थरूर
लंबे समय से शशि थरूर गांधी परिवार के साथ रहे हैं। हालांकि, उनकी बेबाक छवि से कई बार कांग्रेस असहज स्थिति में फंस जाती है। कई विश्लेषक मानते हैं कि थरूर के अध्यक्ष बनाए जाने से दक्षिण में पार्टी को फायदा मिल सकता है। सोमवार को अचानक शशि थरूर और सोनिया गांधी की मुलाकात ने इस कयासबाजी को और बल दे दिया है।
कुमारी सैलजा:
हरियाणा से आने वाली कुमारी सैलजा के जरिए पार्टी महिला मतदाताओं को साधने की कोशिश कर सकती है। सैलजा हरियाणा प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। 2024 में हरियाणा में भी चुनाव होने हैं। सैलजा के बहाने कांग्रेस हरियाणा में भी अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर सकती है।
मल्लिकार्जुन खड़गे:
राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी गांधी परिवार के करीबी हैं। मल्लिकार्जुन कर्नाटक से आते हैं। अगले साल कर्नाटक में भी चुनाव होने हैं। मल्लिकार्जुन को कांग्रेस अध्यक्ष बनाकर गांधी परिवार दक्षिण के राज्यों पर फोकस कर सकती है।
भूपेश बघेल:
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री इस वक्त सबसे सक्रिय कांग्रेस नेताओं में हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान भी बघेल बहुत सक्रिय थे। प्रियंका गांधी के साथ उन्होंने जमकर प्रचार किया था। गांधी परिवार से करीबी भी उनके पक्ष में जा सकती है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में बघेल और टीएस सिंहदेव के बीच जारी खींचतान का भी हल पार्टी को इससे मिल सकता है।
मुकुल वासनिक:
कांग्रेस के विद्रोही गुट जी-23 की ओर से अध्यक्ष पद के लिए वासनिक का नाम पहले भी सुझाया जा चुका है। मुकुल अभी राज्यसभा के सांसद हैं और पार्टी के महासचिव भी। मुकुल महाराष्ट्र से आते हैं और राजस्थान से राज्यसभा के सांसद निर्वाचित हुए हैं। मुकुल को अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस राजस्थान और महाराष्ट्र दोनों राज्यों में अपनी जड़ें मजबूत करने का काम कर सकती है। इसके अलावा केसी वेणुगोपाल, मीरा कुमार, राजीव शुक्ला जैसे नेताओं की भी खूब चर्चा हो रही है। ये ऐसे नेता हैं, जिनका कांग्रेस का कोई गुट विरोध नहीं करेगा। ऐसे में इन नेताओं में से किसी एक पर भी कांग्रेस हाईकमान दांव लगा सकती है।
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