Election Conch Shell in Himachal
आज समाज डिजिटल, चंडीगढ़:
Election Conch Shell in Himachal : आम आदमी पार्टी के संरक्षक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल हिमाचल में चुनावी शंखनाद करने जा रहे हैं। वे अप्रैल को मंडी में रैली करने वाले हैं। पंजाब में उनकी जीत का असर हिमाचल में दिखाई देने लगा है। दूसरी तरफ भाजपा और कांग्रेस एक सुर में कह रहे हों कि आप का हिमाचल में वजूद नहीं है।
कई दिल्ली पहुंच थाम चुके दामन
पंजाब में आप की सरकार बनने के बाद कांग्रेस के कई कार्यकर्ता और नेताओं ने दिल्ली पहुंचकर आप का दामन थामा है। हालांकि भाजपा के ऐसे कार्यकतार्ओं और नेताओं की संख्या कम है जो हाल ही में आप में शामिल हुए हैं। आम आदमी पार्टी के मंडी से होने वाले शंखनाद को देखते हुए कांग्रेस भी सतर्क हो गई है और अब जल्द ही कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बदलने की तैयारी में है, क्योंकि आप ने कांग्रेस को हिमाचल में डैमेज करना शुरू कर दिया है।
दलों का नकारना बता रहा आप की मौजूदगी
आम आदमी पार्टी की मौजूदगी को अन्य दलों का नकारना साबित करता है कि हिमाचल प्रदेश में कहीं न कहीं आप मौजूद है। आप की हिमाचल में मौजूदगी से सबसे ज्यादा खतरा कांग्रेस का कैडर टूटने का है। कांग्रेस अगर सत्ता में नहीं लौटती है इसका एक बड़ा कारण यह भी होगा। आम आदमी पार्टी के पंजाब में सत्ता संभालने के बाद वह हिमाचल की ओर रुख कर रही है। उसका मकसद फिलहाल हिमाचल में सरकार बनाना बिलकुल नहीं होगा, हालांकि 68 सीटों में चुनाव लड़ने का ऐलान पहले से ही कर रखा है।
कांग्रेस को संभालने होंगे अपने तिनके
आम आदमी पार्टी की संभावित गतिविधियों के चलते कांग्रेस को अपने उन तिनकों को हर जगह संभाल कर रखना होगा, जो झाड़ू को मजबूत कर सकते हैं। कांग्रेस को ही अपना कैडर क्यों संभालना होगा भाजपा को क्यों नहीं? जानकारों का कहना है कि भाजपा एक डबल इंजन सरकार है और केंद्र की राजनीति में भाजपा लंबी रेस का घोड़ा है।
भाजपा को केंद्र का सहारा
भाजपा की हार पर भी उसके कैडर को केंद्र का सहारा रहता है, जो उसे पार्टी को मजबूत करने के लिए उत्साहित करता है। भाजपा का यही सकारात्मक पहलू और आप की उत्तराखंड में आंशिक घुसपैठ भाजपा को जीत की तरफ ले गई, जहां कहा जा रहा था कि कांग्रेस उत्तराखंड में सरकार बना लेगी। भाजपा को कुछ ऐसे नेता नुकसान पहुंचा सकते हैं जिनकी चुनाव लड़ने की महत्वाकांक्षाएं प्रबल हों, वह पार्टी के आंशिक तौर पर कैडर को तोड़ सकते हैं।
कांग्रेस का आंतरिक युद्ध ज्यादा हानिकारक
दूसरा भाजपा प्रदेश में सत्ता में है और अपने कैडर को लाभ देकर उन्हें टूटने से बचा सकती है। इसके विपरीत कांग्रेस में जिस तरह का न दिखने वाला आंतरिक युद्ध छिड़ा हुआ है, उससे बगावत के आसार बढ़ जाते हैं, क्योंकि विकल्प के तौर पर सामने आम आदमी पार्टी खड़ी है, जिसका देश की राजधानी दिल्ली की सत्ता पर कब्जा है। जबकि कांग्रेस के पास राजस्थान और छत्तीसगढ़ राज्य हैं। यहां आपको यह भी बताना जरूरी है कि हिमाचल के करीब 10 लाख लोग दिल्ली में नौकरियां या कारोबार करते हैं।
Election Conch Shell in Himachal
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