Aaj Samaj (आज समाज), Election Commissioners Appointment, नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति वाले नए कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इस फैसले को केंद्र सरकार के लिए राहत भरा माना जा रहा है। केंद्र द्वारा सीईसी और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर बनाए गए नए कानून को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। शीर्ष कोर्ट ने हालांकि नई याचिका पर केंद्र व चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। इस पर अब अप्रैल में सुनवाई होगी।
लोकसभा चुनाव करीब, कानून पर रोक जरूरी : प्रशांत भूषण
याचिकाकर्ता एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स एडीआर ने सीईसी और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति वाले नए कानून पर याचिका दाखिल की है। जस्टिस संजीव खन्ना की खंडपीठ ने मंगलवार को मामले पर सुनवाई की। इस दौरान एडीआर की ओर से कानून के खिलाफ कोर्ट में पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि लोकसभा चुनाव करीब हैं, इसलिए फिलहाल इस पर अंतरिम रोक लगाई जानी चाहिए, क्योंकि यह कानून निष्पक्ष चुनाव की राह में बाधा बन सकता है।
अगर कानून पर रोक नहीं लगाई गई तो…
उन्होंने यह भी कहा कि एक चुनाव आयुक्त रिटायर होने वाले हैं और उनकी जगह नियुक्ति की जानी है, अगर कानून पर रोक नहीं लगाई गई तो याचिका निष्प्रभावी हो जाएगी, लेकिन शीर्ष अदालत ने उनके इस आवेदन को दरकिनार कर दिया। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा, हम अपनी सीमा जानते हैं। जब संसद द्वारा किसी कानून को बनाया जाता है तो उस पर अंतरिम रोक लगाने का क्या मतलब होता है, यह हमें पता है, इसलिए फिलहाल हम कोई रोक नहीं लगाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भी नए कानून पर रोक लगाने से इनकार किया था, लेकिन नए कानून का परीक्षण करने को कोर्ट तैयार हो गया था।
सलेक्शन पैनल में पीएम सहित ये शामिल
सुप्रीम कोर्ट ने पहले अपने फैसले में कहा था कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के पैनल में प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता विपक्ष और ाारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) शामिल होंगे, जब तक कि कोई कानून न लाया जाए। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद केंद्र ने नया कानून लाकर शीर्ष कोर्ट के फैसले को पलट दिया।
संशोधित कानून के मुताबिक, सीईसी और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक सलेक्शन पैनल (चयन समिति) की सिफारिश पर की जाएगी। प्रधानमंत्री इस समिति के अध्यक्ष होंगे। पैनल के अन्य सदस्यों में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री शामिल होंगे। सीजेआई को इस पैनल से बाहर रखा गया है। इसी को लेकर चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
याचिका में सीजेआई को पैनल में शामिल करने की मांग
सुप्रीम कोर्ट में दिसंबर में संशोधित कानून को चुनौती दी गई है। याचिका में मांग की गई है कि संसद द्वारा पास किए गए संशोधन को रद किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर नियुक्तियों में देश के मुख्य न्यायाधीश को पैनल में शामिल करने की मांग की गई है। अर्जी में कहा गया है कि देश में चुनाव में पारदर्शिता लाने के मद्देनजर मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पैनल में मुख्य न्यायाधीश को शामिल किए जाएं।
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