Aaj Samaj (आज समाज), Eid-ul-Fitr 2024, नई दिल्ली: देश के कई हिस्सों में गुरुवार को ‘ईद-उल-फितर’ का त्योहार मनाया गया। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को छोड़कर देश भर में बुधवार की शाम ‘शव्वाल का चांद’ नजर आया, जिसके बाद गुरुवार को ‘रमजान ईद’ मनाई गई। बता दें कि ‘ईद-उल-फितर’ को ही ‘रमजान ईद’ या ‘मीठी ईद’ कहा जाता है। बता दें कि ईद के मौके पर सबसे पहले नमाज अदा की जाती है और इसके बाद दुनिया भर में अमन और शांति बनाए रखने की कामना करते हुए खास दुआ पढ़ी जाती है।
एक-दूसरे को गले लगाकर दी बधाइयां
दिल्ली की जामा मस्जिद में देश के अलग-अलग राज्यों से आए मुस्लिम भाइयों ने नमाज अदा की और इसके बाद एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की ढ़ेरों बधाइयां दी। वहीं, मीठी ईद पर नमाज पढ़ने के बाद कुछ मीठा खाने का रिवाज भी है, ऐसे में इस खास त्योहार पर घर-घर खीर और सेवइयां बनती हैं। लोग एक-दूसरे के घर जाते हैं, गले मिलकर उन्हें ईद की बधाई देते हैं और एक-दूसरे का मुंह मीठा कराते हैं।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में एक दिन पहले मनी ईद
दरअसल, इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, नौवें महीने यानी ‘माह-ए-रमजान’ में अल्लाह के नाम के रोजे रखे जाते हैं। ये रोजे 29 या 30 दिन के होते हैं। आखिरी रोजे की ईफ्तारी के बाद चांद का दीदार किया जाता है और इसके बाद 10वें महीने ‘शव्वाल’ की पहली तारीख को ‘रमजान ईद’ मनाई जाती है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में एक दिन पहले ही शव्वाल का चांद नजर आ गया था, जिसके चलते वहां, 10 अप्रैल को ईद मनाई गई। इसके अलावा केरल में भी बुधवार को को ईद मनाई गई। भारत के बाकी हिस्सों में गुरुवार को धूमधाम यह यह त्योहार मनाया गया।
पहली बार पैगंबर मुहम्मद ने मनाई थी ईद
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रमजान के पाक महीने के बाद ही पहली बार कुरान आई थी। इसके अलावा माना जाता है कि 624 ईस्वी में पैगंबर हजरत मुहम्मद ने बद्र की लड़ाई में जीत हासिल की थी। तब अपनी सफलता की खुशी में उन्होंने लोगों का मुंह मीठा कराया था और पहली बार पैगंबर मुहम्मद ने ही ईद मनाई थी।
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