13 फरवरी से 16 फरवरी तक पटियाला विरासती मेला आयोजित किया जा रहा है
Punjab News Update (आज समाज), चंडीगढ़ : पर्यटन मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा है कि वर्ष 2025 की शुरुआत से ही पंजाब अपने मेलों और त्योहारों को बड़े स्तर पर मनाने के लिए पूरी तरह तैयार है, जिससे दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकेगा। इस वर्ष की शुरुआत फिरोजपुर में बसंत मेले और किला रायपुर की ग्रामीण ओलंपिक जैसी आयोजनों से हुई।
उन्होंने बताया कि इसके बाद 13 फरवरी से 16 फरवरी तक आयोजित होने वाला पटियाला विरासती मेला इन उत्सवों के जोश और उमंग को और बढ़ाएगा। जिला प्रशासन, पटियाला द्वारा पर्यटन विभाग के सहयोग से आयोजित किए जा रहे इस मेले में हेरिटेज वॉक, फूड फेस्टिवल, संगीतमयी संध्या, एयर शो, नेचर वॉक, फूलों की प्रदर्शनी और फैशन वॉक सहित कई आकर्षक कार्यक्रम होंगे। ये आयोजन न केवल पंजाब की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करेंगे, बल्कि राज्य को पर्यटन के प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेंगे।
पर्यटन और सांस्कृतिक संरक्षण के क्षेत्र में किए शानदार बदलाव
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब में पर्यटन और सांस्कृतिक संरक्षण के क्षेत्र में शानदार बदलाव किए जा रहे हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री ने बताया कि वर्ष 2024 में राज्य सरकार द्वारा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्मारकों के पुनरुद्धार, आधुनिकीकरण और संरक्षण के लिए लगभग 73 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।
इस महत्वपूर्ण निवेश से प्रमुख विरासती स्थलों का नवीनीकरण किया गया है और पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न परियोजनाएं शुरू की गई हैं। सौंद ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब पर्यटन के प्रमुख केंद्र के रूप में अपनी प्रतिष्ठा पुन: स्थापित कर रहा है। विरासत स्थलों के पुनरुद्धार और पर्यटन के विस्तार को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता के चलते कई क्रांतिकारी पहल की गई हैं, जो पंजाब के महान इतिहास, जीवंत संस्कृति और विरासत को दर्शाती हैं।
2024 में 73 करोड़ रुपए के प्रभावशाली निवेश हासिल हुए
वर्ष 2024 में किए गए लगभग 73 करोड़ रुपए के निवेश के प्रभावशाली नतीजे सामने आए हैं। जिस में शहीद भगत सिंह अजायब घर (खटकड़ कलां) और सारागढ़ी अजायब घर (फिरोजपुर) जैसे ऐतिहासिक स्थलों का जीर्णोद्धार किया गया है। इसके साथ ही खन्ना स्थित सराय लश्करी खां का भी व्यापक रूप से नवीनीकरण किया गया है। पंजाब की सांस्कृतिक विरासत को और समृद्ध करते हुए भगवान वाल्मीकि पैनोरमा का भव्य उद्घाटन किया गया, जबकि अमृतसर में महाराजा रणजीत सिंह के समर पैलेस में स्थायी लाइट एंड साउंड शो रंगला पंजाब फेस्टिवल एक शानदार आकर्षण बन चुका है।
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