इशिका ठाकुर, करनाल,28 फरवरी:
करनाल के राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में मनाया गया राष्ट्रीय विज्ञान दिवस, पशु विज्ञान के उप महानिदेशक डॉ बी एन त्रिपाठी ने की मुख्य अतिथि के रुप में शिरकत, कहा, विज्ञान के माध्यम से पशु रोगों पर नियंत्रण और दूध उत्पादन बढ़ाने पर हो रहा काम, स्वदेशी सेक्स सीमन तकनीक से दूध उत्पादन में आएगी क्रांति,, संस्थान की इस तकनीक से पैदा होंगे केवल फीमेल पशु।
आज राष्ट्रीय विज्ञान दिवस है, इस उपलक्ष्य में करनाल के राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद पशु विज्ञान के उप महानिदेशक डॉक्टर बी एन त्रिपाठी ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। यहां उन्होंने एक कार्यशाला को संबोधित किया और पशु विज्ञान प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
बच्चे ज्यादा से ज्यादा करें विज्ञान की पढ़ाई : डॉ त्रिपाठी
मीडिया से बातचीत में डॉ त्रिपाठी ने कहा कि विज्ञान और तकनीक का प्रयोग कर हम पशु रोगों पर नियंत्रण पाने का प्रयास कर रहे हैं। साथ ही देश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लिए भी नवीनतम टेक्नोलॉजी पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि बच्चे ज्यादा से ज्यादा विज्ञान की पढ़ाई करें क्योंकि उनका रुझान इसमें कम हो रहा है। मानवीय गुणवत्ता बढ़ाने के लिए हम विज्ञान का प्रयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि 2047 तक प्रत्येक पशु 8 हजार किलो प्रतिवर्ष दूध उत्पादन करे। आज देश में 425 ग्राम प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता है जिसे आने वाले समय में 1 किलो प्रति व्यक्ति करने का हमारा लक्ष्य है।
पशुओं की संख्या बढ़ाने के बजाय उनके दूध उत्पादन पर जोर देना होगा : डॉ त्रिपाठी
उप महानिदेशक ने कहा कि हम अपने देश की श्रेष्ठ नस्लों को संरक्षित और संवर्धित करने का प्रयास कर रहे हैं जिसमें विज्ञान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि आज सबसे बड़ी समस्या पशु जनित रोगों की है जिनमें से 60% बीमारियां मनुष्यों में भी आती हैं। इस पर हम लगातार काम कर रहे हैं और इसमें काफी सफलता भी मिली है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से लड़ने और कार्बन उत्सर्जन रोकने के लिए हमें पशुओं के स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा और उन्हें स्वस्थ वातावरण प्रदान करना होगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान ने दुग्ध उत्पादन बढ़ाने में जो योगदान दिया है वह अद्वितीय है। इस संस्थान की बदौलत आज हम 210 मिलियन टन दूध का उत्पादन कर रहे हैं जो एक बड़ी उपलब्धि है। डॉक्टर बी एन त्रिपाठी ने कहा कि अब हमें पशुओं की संख्या बढ़ाने के बजाय उनके दूध उत्पादन पर जोर देना होगा।
संस्थान के निदेशक डॉ धीर सिंह ने कहा कि हम साइंस सप्ताह मना रहे हैं। इस दौरान देश के वरिष्ठ वैज्ञानिकों को संस्थान में बुलाकर उनका व्याख्यान करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए सेक्स सीमन तकनीक पर काम कर रहे हैं जिसमें हमें सफलता मिल रही है। उन्होंने कहा कि हम इस तकनीक को बहुत ही आसान बनाना चाहते हैं ताकि हमारा किसान बिना किसी समस्या के उसे अपना सके। जल्द ही इस बारे में कोई अच्छी खबर दी जाएगी।
स्टेम सेल तकनीक से पशु रोगों पर नियंत्रण
संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉक्टर ध्रुव मालाकार ने कहा कि उन्होंने स्टेम सेल तकनीक से पशु रोगों पर नियंत्रण पाने की तकनीक को विकसित किया है। स्टेम सेल तकनीक से हमने मुँहखुर , पशु कैंसर और अन्य बीमारियों पर नियंत्रण पाने में काफी हद तक सफलता हासिल की है।
यह भी पढ़ें –जीवन जीने का अंदाज बदल देगा 5जी – आकाश अंबानी
यह भी पढ़ें –बिना दहेज के शादी कर समाज ने की मिसाल कायम
यह भी पढ़ें –गौ सेवा आयोग का बजट 40 से 400 करोड़ बढ़ाने से गोवंश उत्थान के कार्यों में 100 गुना तेजी आयेगी : जगदीश मलिक
यह भी पढ़ें –करीब 20 साल से फरार आरोपित को सीआईए महेंद्रगढ़ की पुलिस टीम ने किया गिरफ्तार