भिवानी। आराेही स्कूल में विभिन्न पदाें की भर्ती की लिखित परीक्षा के परिणाम के बाद मांगी गई शैक्षणिक योग्यता की डिटेल ने उम्मीदवारों के होश उड़ा दिए हैं। यह भी इसलिए हुआ है क्योंकि बोर्ड की वेबसाइट खोलने के बाद केवल दो मिनट का खेल किसी भी उम्मीदवार की मेरिट को मिट्टी में मिलाया जा सकता है। जैसे ही उम्मीदवारों को इस गड़बड़झाले का पता लगा तो बोर्ड के लैंडलाइन नंबरों पर घंटिया घनाघन बजने लगी। हैरत की बात तो यह है कि बोर्ड कर्मचारियों ने शिकायत कर्ताओं की बातों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। बड़ी चूक होता देख उम्मीदवारों ने इस मामले को बोर्ड सचिव व चेयरमैन के सामने रखा। उसके तुरंत बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए बोर्ड पोर्टल को दुरूस्त करने के सख्त निर्देश दिए। इतना ही नहीं उम्मीदवारों की मेरिट के साथ कोई गड़बड़ न हो, इसके िलए पोर्टल में एडिट करने के लिए अब पासवर्ड अनिवार्य कर दिया।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा आरोही स्कूलों में विभिन्न पदों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन किया गया था, जिसका परिणाम पांच दिसंबर को घोषित किया गया था। परिणाम के बाद शिक्षा बोर्ड के वेब पोर्टल पर सभी उतीर्ण परीक्षार्थियों को अपनी शैक्षणिक योग्यता 25 दिसंबर तक अपलोड करने का समय दिया गया। इसी प्रक्रिया में बोर्ड द्वारा बड़ी चूक वेबपोर्टल पर कर दी गई। परीक्षा परिणाम पोर्टल पर रोलनंबर के साथ साथ केवल नाम लिखने से ही उम्मीदवारों का पूरा बायोडाटा जन्म तिथि के साथ दिखाया जाने लगा। उदाहरण के तौर पर अगर किसी राजेश का नाम डाला जाए तो सभी राजेश का परीक्षा परिणाम जन्म तिथि सहित आ जाएगा। जिसके बाद आप जन्म तिथि की सहायता से किसी भी उम्मीदवा का निजी पोर्टल खोल कर उसकी शैक्षणिक योग्यता बदल कर उसे सबमिट किया जा सकता है। इसके लिए न तो किसी पासवर्ड की व न ही किसी उम्मीदवार के मोबाइल पर ओटीपी मांगा गया। कुछ उम्मीदवारों के साथ यह घटना घटी तो इस की िशकायत बोर्ड कार्यालय में प्रदेश भर से आने लगी। लेकिन कर्मचारियों ने इसकी तरफ कोई ध्यान नहीं दिय। जब यह मामला बोर्ड सचिव राजीव प्रसाद के सामने आया तो उन्होंने तुरंत एक्शन लेते हुए बोर्ड वेबसाइट को दुरूस्त करने के निर्देश दिए।
बोर्ड प्रशासन काे की शिकायत: इस संबंध में चंडीगढ़ से आए एक पात्र दीपक ने बोर्ड सचिव कार्यालय में लिखित शिकायत देेकर मामले से अवगत करवाया। दीपक ने कहा बोर्ड के वेब पोर्टल खोलने में सिर्फ रोलनंबर व जन्मतिथि को आधार बनाया गया है जो त्रुटिपूर्ण है जिससे किसी भी उम्मीदवार की योग्यता के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। दीपक ने बाकायादा डेमो के माध्यम से बोर्ड अधिकारियों को पूरे मामले से अवगत करवाया।
यह किया समाधान:
बोर्ड प्रशासन काे की शिकायत: इस संबंध में चंडीगढ़ से आए एक पात्र दीपक ने बोर्ड सचिव कार्यालय में लिखित शिकायत देेकर मामले से अवगत करवाया। दीपक ने कहा बोर्ड के वेब पोर्टल खोलने में सिर्फ रोलनंबर व जन्मतिथि को आधार बनाया गया है जो त्रुटिपूर्ण है जिससे किसी भी उम्मीदवार की योग्यता के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। दीपक ने बाकायादा डेमो के माध्यम से बोर्ड अधिकारियों को पूरे मामले से अवगत करवाया।
यह किया समाधान:
बोर्ड सचिव ने उम्मीदवारों के निजी पोर्टल को खोलने के लिए दसवीं के अनुक्रमांक को पास वर्ड के तौर पर जरूरी किया गया। इसके अलावा अन्य दूसरी खामियों को भी दूर करने के लिए तुरंत तकनीकी अधिकारियों को निर्देश दिए गए।
वर्सन
बोर्ड सचिव राजीव प्रसाद ने बताया कि जैसे ही मामले की शिकायत मिली तुरंत प्रभाव से तकनीकी अधिकारियों को व्यवस्था बदलने के निर्देश दे दिए हैं। नई व्यवस्था के तहत दसवीं का रोलनंबर डालने के बाद ही उम्मीदवार अपना पोर्टल खोल सकता है।
बोर्ड सचिव राजीव प्रसाद ने बताया कि जैसे ही मामले की शिकायत मिली तुरंत प्रभाव से तकनीकी अधिकारियों को व्यवस्था बदलने के निर्देश दे दिए हैं। नई व्यवस्था के तहत दसवीं का रोलनंबर डालने के बाद ही उम्मीदवार अपना पोर्टल खोल सकता है।
-पवन शर्मा