Education Minister Kanwar Pal – Brahma Kumaris Sanstha : शिक्षक देश को दिशा देने व बच्चों में संस्कार प्रदान करने का मार्ग परस्त करते हैं : शिक्षा मंत्री

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Education Minister Kanwar Pal - Brahma Kumaris Sanstha
शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुज्जर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए
Aaj Samaj (आज समाज), Education Minister Kanwar Pal – Brahma Kumaris Sanstha, पानीपत : ब्रह्माकुमारीज़ के थिराना स्थित ज्ञान मानसरोवर में शिक्षाविदों के लिए “नए समाज की रचना में अध्यापक का अहम रोल” विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें जिले भर के सरकारी व निजी स्कूलों से सैंकड़ो अध्यापकगण पहुँचे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से विधिवत शुरू किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर, ब्रह्माकुमारीज़ के ज्ञान मानसरोवर निदेशक बीके भारत भूषण, पानीपत जिला शिक्षा अधिकारी कुलदीप दहिया व जिला शिक्षा मौलिक अधिकारी बिजेंद्र सिंह सहित ब्रह्माकुमारीज की सर्कल इंचार्ज बीके सरला बहन आदि उपस्थित रहे। शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि सीखने के लिए सम्मान देने की जरूरत है। हमें हर कार्य अपना धर्म समझकर करना चाहिये। अन्याय को हमेशा धर्म ही नष्ट करता आया है। हमें बच्चों को ऐसे संस्कार देने चाहिए जो उनके विकास में सहायक हों। शिक्षक देश को दिशा देने वाला व बच्चों में संस्कार प्रदान कर मार्ग प्रशस्त करने का कार्य करते हैं। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ने जिले भर के विभिन्न विषयों के शिक्षकों को सम्मानित किया।

 

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कार्यक्रम में उपस्थिति
  • शिक्षा मंत्री ने शिक्षक दिवस पर किया जिले के शिक्षकों को सम्मानित
  • कामयाबी की बुलंदियों तक पहुंचाने का कार्य करता हैं शिक्षक
  • शिक्षक का आज भी समाज में आज भी पहले जैसा मान-सम्मान

 

शिक्षक सम्मान का हकदार हमेशा रहेगा

कार्यक्रम में अध्यापकों को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि सफलता पाने के लिए कठोर मेहनत की जरूरत है। शिक्षक ही वो कड़ी है जो मेहनत करवा करके बच्चों में निखार पैदा करने व उन्हें कामयाबी की बुलंदियों तक पहुंचाने का कार्य करता है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षक अलग व्यक्तित्व है। उसकी समाज में अलग पहचान है। यह समाज की धुरी है। यह समाज में बदलाव रखने का मादा रखता है। भले ही कैसी भी परिस्थितियां क्यों ना हो आज भी समाज में उसका दर्ज सम्मान जनक है। शिक्षक सम्मान का हकदार हमेशा रहेगा। यह सम्मान उसे कोई नहीं छीन सकता।

 

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कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह।

आध्यात्मिकता ही खुशी प्राप्त करने का जरिया है

शिक्षा मंत्री ने कहा कि पहले गुरुकुल में आध्यात्मिकता पर जोर देते थे। गुरुकलों में जो शिक्षा दी जाती थी उसमें विद्यार्थियों में संस्कार कुट-कुट कर भरे जाते थे। यह सच है कि स्थिति समय अनुसार जरूर बदली है लेकिन संस्कार नहीं बदलते। आज के दौर में भी शिक्षा का महत्व कम नहीं हुआ है। आज भले ही सफलता का मापदंड पैसे ही क्यों ना हो लेकिन मेहनत के बलबूते जो सफलता हासिल होती है उसका सवाद ही अलग है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि आध्यात्मिकता ही खुशी प्राप्त करने का जरिया है। वर्तमान समय में आध्यात्मिकता की जरूरत है। जब हम यह महसूस करने लगेंगे उसी दिन सारी  समस्याएं समाप्त हो जायेंगी।

 

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दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम शुभारंभ करते शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर, बीके भारत भूषण, ब्रह्माकुमारीज की सर्कल इंचार्ज बीके सरला बहन

 

नशा मुक्ति अभियान में ब्रह्माकुमारी संस्था का विशेष योगदान रहा 

इस मौके पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से उन्हें पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि आध्यात्मिक संस्था ब्रह्माकुमारी मिशन के तहत कार्य कर रही है, जिसकी चारों तरफ प्रशंसा है। नशा मुक्ति अभियान में उनका विशेष योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि धर्म अन्याय करने वालों को समाप्त करता है हमें अपने कर्तव्य को धर्म मानकर करना उसकी पालना करनी चाहिये। इस मौके पर जिला शिक्षा अधिकारी कुलदीप दहिया, ज्ञान मानसरोवर के निदेशक भारत भूषण, ब्रह्माकुमारी केंद्र की इंचार्ज सरला के अलावा जिले भर के बीआरसी और बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद थे।

 

 

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शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर को ईश्वरीय सौगात भेंट करते बीके सरला दीदी एवं बीके भारत भूषण आदि

विश्व गुरु बनाने में अध्यापक की अहम भूमिका :  बीके सरला

राजयोगी बीके भारत भूषण ने विषय को स्पष्ट करते हुए कहा कि अध्यापक का मतलब केवल किताबी ज्ञान बांटने वाला नही बल्कि अध्यापक अर्थात आदर्श एवं पवित्र व्यक्तित्व। विवेकवान अध्यापक उसको कहेंगे जो अपने जीवन में कम से कम 10 जनों को विवेकानंद जैसा बनाये। आध्यात्मिक ज्ञान के बिना हिंसा व अपराध को समाप्त नहीं किया जा सकता। सर्कल इंचार्ज बीके सरला बहन ने कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाने में अध्यापक की अहम भूमिका है। अगर अध्यापक ठान लें और मन से तैयार हो जाये तो बहुत जल्द यह श्रेष्ठ कार्य पूरा हो जाएगा। बशर्तें टीचर्स को पहले खुद रीयल गुरु बनना होगा। इस मौके पर मंच पर उपस्थित सभी शिक्षा अधिकारियों ने अपने विचार व्यक्त किये। आये हुए मेहमानों का शुक्रिया मुकेश व सुमर सिंह ने किया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में अध्यापकों को ईश्वरीय सौगात दी एवं सम्मानित पत्र (सर्टिफिकेट) भी वितरित किये गए। इस दौरान सभी ने ब्रह्मा भोजन भी स्वीकार किया। मंच संचालन बीके सुनीता बहन ने किया।