इशिका ठाकुर,करनाल:
करनाल स्थित भारतीय गेहूं एवं जौं अनुसंधान संस्थान में उत्तर प्रदेश के शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही तथा राज्य कृषि मंत्री बलदेव सिंह ओलख एवं कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह पहुंचे। उनके साथ उत्तर प्रदेश का एक उच्च स्तरीय डेलिगेशन भी मौजूद रहा।
उत्तर प्रदेश में देश का लगभग 33% गेहूं उत्पादन
भारतीय गेहूं एवं जौं अनुसंधान संस्थान करनाल में लगातार गेहूं तथा जौं की उन्नत किस्में विकसित की जा रही हैं। उत्तर प्रदेश गेहूं उत्पादन में देश का सबसे बड़ा राज्य है। उत्तर प्रदेश में देश का लगभग 33% गेहूं उत्पादन किया जाता है। गेहूं की उन्नत किस्मों का उत्पादन प्रदेश में हो इसको लेकर उत्तर प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में गेहूं उत्पादन की तकनीक की जानकारी लेने तथा अनुसंधान संस्थान का दौरा करने के लिये उत्तर प्रदेश के शिक्षा, कृषि अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही एवं कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह पहुंचे। उनके साथ उत्तर प्रदेश का एक उच्च स्तरीय डेलिगेशन ही मौजूद रहा।
उत्तर प्रदेश में गेहूं की उन्नत किस्मों की पैदावार को बढ़ाया जा सके इसको लेकर गेहूं अनुसंधान संस्थान में गेहूं उत्पादन में प्रयोग होने वाली उत्तम तकनीक के हस्थानांतरण करने पर संस्थान के कृषि वैज्ञानिकों के साथ भी चर्चा की गई। इसके साथ ही भारतीय गेहूं एवं जौं अनुसंधान संस्थान परिसर में पौधारोपण भी किया गया।
गेहूं की विकसित तकनीक पर की चर्चा
इस अवसर पर पत्रकारों से बात करते हुए शिक्षा तथा कृषि अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जलवायु गेहूं की पैदावार के लिए अनुकूल है। इसके विपरीत पंजाब तथा हरियाणा राज्यों के मुकाबले उत्तर प्रदेश में गेहूं की पैदावार कम होती है लेकिन क्षेत्रफल ज्यादा है। उन्होंने कहा कि गेहूं उत्पादन में इन राज्यों के मुकाबले अधिक ना सही लेकिन बराबर उत्पादन हो सके इसके लिए गेहूं की उन्नत किस्म के तकनीक हस्थानांतरण पर विचार विमर्श किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय गेहूं एवं जो अनुसंधान संस्थान के साथ-साथ वह करनाल एनडीआरआई का भी दौरा करेंगे ताकि उत्तरप्रदेश में दूध उत्पादन को भी बढ़ाया जा सके।
एक अन्य सवाल के जवाब में बोलते हुए मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा की सितंबर माह में जो भारी बारिश हुई है उससे धान की फसल को जो नुकसान हुआ है। उसका आकलन किया जाएगा और उसके बाद किसानों का जो भी नुकसान हुआ है उसकी भरपाई की जाएगी। इसके लिए मुख्यमंत्री पहले ही ऐलान कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के किसी भी सीमा पर कोई भी प्रतिबंध फसलों को लाने और ले जाने के लिए नहीं लगाया गया है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में एक बाजार की पहले ही घोषणा की हुई है जिसके चलते किसान किसी भी राज्य में अपनी फसल को बेचने के लिए ले जा सकता है।
सूर्य प्रताप शाही मंत्री कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान उत्तर प्रदेश एवं उनके प्रतिनिधिमंडल का स्वागत भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान के निर्देशक डॉ ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने किया । मंत्री ने स्वागत समारोह के उपरांत संस्थान के प्रधान अन्वेषकों एवं प्रधान वैज्ञानिकों के साथ संवाद स्थापित किया। उन्होंने संस्थान को की विभिन्न तकनीकी एवं संयंत्र सुविधाओं का जायजा लिया। इन सुविधाओं में मुख्यत: जीन बैंक ,बीज प्रसंस्करण संयंत्र , ताप नियंत्रण फिनॉटिपिंग सुविधा मुख्यता: सम्मिलित थी। अपने संस्थान भ्रमण एवं संवाद के दौरान मुख्य अतिथि मंत्री उनके प्रतिनिधि मंडल ने भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल के तत्वाधान में चल रहे कृषि संबंधित अनुसंधान कार्यों की पूरी प्रशंसा की।
इस मौके पर उपस्थित रहे
इस मौके पर डॉक्टर ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह निदेशक आई आई डब्ल्यूबीआर करनाल और डॉ ज्ञानेंद्र सिंह डॉ बीएस त्यागी डॉक्टर पूनम जसरोटिया डॉ अनुज कुमार डॉ रतन तिवारी डॉ अमित शर्मा एवं राजेंद्र शर्मा तथा डॉ धीर सिंह निदेशक एनडीआरआई करनाल और डॉक्टर पी सी शर्मा निदेशक सीएसएसआरआई करनाल उपस्थित रहे।
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