ED Seizes Properties: ईडी ने डीएमके सांसद ए राजा की 15 संपत्तियां जब्त कीं

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ED Seizes Properties
पूर्व केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री व डीएमके सांसद ए. राजा।

Aaj Samaj (आज समाज), ED Seizes Properties, नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत पूर्व केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री व डीएमके सांसद ए. राजा की बेनामी कंपनी मेसर्स कोवई शेल्टर्स प्रमोटर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व वाली 15 अचल संपत्तियों को अपने कब्जे में ले लिया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत ए राजा के खिलाफ यह कार्यवाही की है।

  • पीएमएलए के तहत प्रवर्तन निदेशालय ने की कार्यवाही

चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के 4 लोग हिरासत में

ईडी ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के खिलाफ धन शोधन की जांच के तहत लावा इंटरनेशनल मोबाइल कंपनी के प्रबंध निदेशक, एक चीनी नागरिक, एक चार्टर्ड अकाउंटेंट और एक अन्य व्यक्ति को पीएमएलए के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया है। उन्हें नई दिल्ली में एक अदालत में पेश किए जाने की संभावना है जहां ईडी उनकी हिरासत मांगेगी। केंद्रीय जांच एजेंसी ने पिछले साल जुलाई में कंपनी और उससे जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापा मारा था और दावा किया था कि उसने चीनी नागरिकों और कई भारतीय कंपनियों से जुड़े एक बड़े धनशोधन गिरोह का भंडाफोड़ किया है। ईडी ने तब आरोप लगाया था कि भारत में करों के भुगतान से बचने के लिए वीवो ने 62,476 करोड़ रुपए अवैध रूप से चीन भेजे थे।

आप सांसद संजय के खिलाफ घूस मांगने के सबूत : ईडी

दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुडे धन शोधन मामले में गिरफ्तार आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को मंगलवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने तीन दिन के ईडी रिमांड पर भेज दिया। पांच दिन की रिमांड की मांग की गई थी। कोर्ट ने तीन दिन ही स्वीकृत की। आप सांसद अब 13 अक्टूबर तक ईडी के रिमांड पर रहेंगे। कोर्ट ने संजय को पेशी के दौरान मीडिया से बात न करने का निर्देश दिया है।

उधर ईडी ने कोर्ट में कहा कि घूस लेने के नहीं, घूस मांगने के सबूत हैं। शराब लाइसेंस के लिए घूस मांगी गई। ईडी का आरोप है कि आरोपी कारोबारी दिनेश अरोड़ा ने संजय के आवास पर दो बार में दो करोड़ रुपए नगद दिए थे। बता दें कि गिरफ्तारी के एक दिन बाद कोर्ट ने पांच अक्टूबर को संजय को पांच दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेजा था ताकि संघीय जांच एजेंसी उनसे पूछताछ कर सके।

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