- लोकायुक्त ने चलाया था तलाशी अभियान
Multi-Crore Money Laundering Case, (आज समाज), भोपाल: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मध्य प्रदेश राज्य सड़क परिवहन विभाग (आरटीओ) के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा और उनके सहयोगी चेतन सिंह गौड़ के ठिकानों पर आज छापेमारी की। उन पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज है। इसी को लेकर ईडी की टीमों ने सौरभ शर्मा और चेतन सिंह गौड़ के ग्वालियर, जबलपुर और भोपाल स्थित ठिकानों पर आज छापे मारे।
सौरभ की अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज
छापे की कार्रवाई लोकायुक्त की विशेष पुलिस स्थापना (एसपीई) की भोपाल इकाई द्वारा एफआईआर दर्ज करने और आरोपियों के आवासीय परिसरों से करोड़ों की संपत्ति बरामद करने के बाद की गई है। एक स्थानीय अदालत ने गुरुवार को सौरभ शर्मा की अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी थी। बता दें कि लोकायुक्त ने 19 और 20 दिसंबर को तलाशी अभियान चलाया, जिसमें सौरभ श् शर्मा की आय से अधिक बड़ी संपत्ति का पता चला। शनिवार को एसपीई की ओर से जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में सौरभ के खिलाफ अपनी वित्तीय क्षमताओं से परे संपत्ति अर्जित करने के मामले की पुष्टि की गई।
दो जगह 7.98 करोड़ रुपए की संपत्ति का पता चला
चेतन सिंह गौड़ के साथ साझा किए गए कार्यालय में चांदी और नकदी सहित संपत्ति का मूल्य लगभग 4.12 करोड़ रुपए बताया गया है। वहीं कुल मिलाकर, दोनों जगह मिली संपत्ति लगभग 7.98 करोड़ रुपए की है। उसी दिन एक अलग आपरेशन में आयकर विभाग ने लोकायुक्त की जांच के बीच चेतन सिंह गौड़ से कथित रूप से जुड़े एक लावारिस वाहन से लगभग 54 किलोग्राम सोने के बिस्कुट और लगभग 10 करोड़ रुपए नकद जब्त किए। लोकायुक्त ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि जब्त नकदी और सोने को अपनी जांच में शामिल किया जाए या नहीं।
राजस्व खुफिया निदेशालय ने भी शुरू की जांच
अधिकारियों ने कहा है कि तलाशी के दौरान बरामद दस्तावेजों की गहन जांच की जाएगी और जरूरत के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त, राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने सोने के बिस्कुटों की समानांतर जांच शुरू की है, उन्हें संदेह है कि वे आयात किए गए हो सकते हैं। इस कार्रवाई के पीछे की मंशा के बारे में अटकलें सामने आई हैं, कई लोगों का आरोप है कि यह सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं के बीच आंतरिक सत्ता संघर्ष से उपजा है।
सरकारी सेवा में रहते निवेश करना शुरू करने का संकेत
बता दें कि सौरभ शर्मा ने परिवहन विभाग में 12 साल काम किया और एक साल पहले उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। उसके बाद से वह रियल एस्टेट में शामिल हो गए हैं। अधिकारियों ने संकेत दिया है कि सौरभ ने सरकारी सेवा में रहते हुए ही संपत्ति में निवेश करना शुरू कर दिया था।
परिवार के साथ दुबई में रह रहे सौरभ
सौरभ मौजूदा समय में परिवार के साथ दुबई में रह रहे हैं। उनके लौटने पर विभिन्न एजेंसियों द्वारा उन्हें हिरासत में लिए जाने की संभावना है। लोकायुक्त जांच में भोपाल सहित कई जिलों में सौरभ की संपत्ति के सबूत मिले हैं। अधिकारियों ने एक होटल और एक स्कूल में उनके निवेश के लिंक की भी पहचान की है, जो उस जमीन को लेकर विवादों में घिरा हुआ है जिस पर यह बना है।
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