Aaj Samaj (आज समाज), ED Director SK Mishra, नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक एसके मिश्रा को 15 सितंबर तक ईडी निदेशक पद पर बने रहने की अनुमति दे दी है। बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की चल रही समीक्षा के मद्देनजर ईडी के निदेशक के कार्यकाल को बढ़ाने की मांग वाली केंद्र की याचिका पर यह फैसला सुनाया है। संजय कुमार मिश्रा को नवंबर 2018 में ईडी के पूर्णकालिक प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था।
न्यायमूर्ति बी.आर. गवई, विक्रम नाथ और संजय करोल की एक विशेष पीठ ने अपने आदेश में कहा, सामान्य परिस्थितियों में हम इस तरह के आवेदन को स्वीकार नहीं करेंगे। व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए हम ईडी निदेशक को 15 सितंबर, 2023 तक पद पर बने रहने की अनुमति देते हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल विस्तार को अवैध ठहराया था। शीर्ष अदालत ने उन्हें अपने लंबित काम निपटाने के लिए 31 जुलाई 2023 तक का समय दिया।
सुप्रीम कोर्ट के तीखे सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा, हम यह क्या तस्वीर पेश कर रहे हैं कि ईडी निदेशक पद के लिए कोई दूसरा व्यक्ति नहीं है, क्या पूरा विभाग अक्षम लोगों से भरा है? कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि 15 सितंबर के बाद कोई कार्यकाल विस्तार नहीं होगा। पीठ ने कहा कि वह राष्ट्रीय हित में कार्यकाल विस्तार पर फैसला दे रहे हैं।
सॉलिसिटर जनरल का तर्क
शीर्ष कानून अधिकारी ने पीठ के समक्ष तर्क दिया कि एफएटीएफ की सहकर्मी समीक्षा के मद्देनजर ईडी नेतृत्व की निरंतरता आवश्यक है, जिसकी रेटिंग मायने रखती है। ईडी का प्रतिनिधित्व करते हुए, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि कुछ पड़ोसी देश चाहते हैं कि भारत एफएटीएफ की ‘ग्रे सूची’ में आ जाए और इसलिए, ईडी प्रमुख का पद पर बने रहना जरूरी है।
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