नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने द ेश दुनिया की रफ्तार कम कर दी है। दुनिया की अर्थव्यवथा चरमरा गई है। भारत में भी पूरे देश में लॉकडाउन केकारण अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है। इसके नतीजे दिखने भी लगे हैं। अप्रैल महीने में देश के विनिर्माण क्षेत्र मे भारी गिरावाट देखने को मिली। कम मांग के कारण नए आर्डों की मांग न के बराबर रहीं और कंपनियों ने भारी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी की। आईएचएस मार्किट द्वारा जारी खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) लुढ़ककर 27.4 रह गया। सूचकांक का 50 से ऊपर रहना वृद्धि और इससे नीचे रहना गिरावट को दशार्ता है, जबकि 50 पर होना स्थिरता दिखाता है। सूचकांक 50 से जितना अधिक नीचे गिरता है वह उत्पादन में उतनी बड़ी गिरावट को दशार्ता है। अप्रैल महीने की गिरावट कितनी बड़ी है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2009 की वैश्विक आर्थिक मंदी के दौरान भी देश का विनिर्माण पीएमआई करीब 44 तक ही लुढ़का था।